समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जनवरी। एक ओर देश में बीते तीन दिन से कोरोना के दैनिक मामले तीन लाख से कम सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दैनिक संक्रमण दर अभी भी गंभीर बनी हुई है। स्थिति यह है कि देश में अब 403 से बढ़कर 407 जिले रेड जोन में तब्दील हुए हैं। दैनिक मामलों में उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी संक्रमण से मरने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
गुरुवार को 2,86,384 लोग मिले संक्रमित
बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पिछले एक दिन में 2,86,384 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 14.62 लाख सैंपल की जांच की गई थी जिनमें 19.59 फीसदी कोरोना संक्रमित मिले। जबकि इससे पहले 26 जनवरी को 2,85,914 लोग संक्रमित मिले थे। तब 17.69 लाख सैंपल की जांच में 16.16 फीसदी संक्रमित मिले।
दैनिक संक्रमण दर करीब साढ़े तीन फीसदी बढ़ी
बीते दो दिन में दैनिक संक्रमण दर करीब साढ़े तीन फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा पिछले एक दिन में 3.06 लाख रोगियों को छुट्टी दी गई लेकिन इस दौरान 573 लोगों की मौत भी दर्ज की गई। जबकि बुधवार को 659 लोगों की मौत हुई थी। बीते छह दिन से देश में रोजाना 500 से अधिक लोगों की मौतें हो रही हैं।
देश में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 22 लाख
फिलहाल देश में सक्रिय मामले यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 22.02 लाख है। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में करीब 4.03 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। रोजाना के नए मामलों में महज 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद दैनिक संक्रमण दर में करीब 3.43 फीसदी की बढ़ोतरी चिंता का विषय है। हालांकि एक राहत यह भी है कि देश के 181 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसदी से नीचे है।
अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में मिल रहा है ओमिक्रॉन
बृहस्पतिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ. सुजीत ने बताया कि अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन मिल रहा है लेकिन डेल्टा और दूसरे वैरिएंट भी काफी मौजूद हैं। इनकी वजह से मरीज अस्पतालों में भर्ती तक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ ओमिक्रॉन के आधार पर मरीज में हल्का असर होने की संभावना के साथ इलाज नहीं किया जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज में ओमिक्रॉन भी हो सकता है या फिर डेल्टा वैरिएंट भी।
95 फीसदी आबादी को पहली खुराक
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि देश में अब तक 95 फीसदी व्यस्क आबादी को पहली और 72 फीसदी को दूसरी खुराक देकर टीकाकरण पूरा कर लिया है। हालांकि अभी भी एक बड़ी आबादी वैक्सीन से दूर है।
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