समग्र समाचार सेवा
इस्लामाबाद, 20 मार्च। पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। कुछ समूहों ने चेतावनी दी है कि देश में लोकतांत्रिक संस्थान एक नए खतरे का सामना कर रहा है। आपको बता दें कि विपक्षी राजनीतिक दलों ने इसी महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाने के लिए संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। इसके जवाब में सरकारी अधिकारियों ने हिंसा की धमकी देकर और संसद के दो सदस्यों को संक्षिप्त रूप से हिरासत में लिया। पाकिस्तान की सियासी स्थिति एक खतरनाक टकराव की संभावनों को बल दे रही है।
तो इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना होगा
पाकिस्तान के संविधान के तहत, यदि नेशनल असेंबली के अधिकांश सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान करते हैं, तो इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना होगा। सरकार ने 28 मार्च को वोटिंग का ऐलान किया है। इससे पहले 10 मार्च को पुलिस ने इस्लामाबाद में सांसदों के अपार्टमेंट पर धावा बोल दिया और कई अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं के साथ दो विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आरोप लगाया कि विपक्षी जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम एफ (जेयूआई-एफ) के स्वयंसेवकों ने बिना अनुमति के अपार्टमेंट में प्रवेश किया था। सभी को घंटों के भीतर रिहा कर दिया गया।
संघीय मंत्री गुलाम सरवर खान को आ गया था गुस्सा
इस घटना के चार दिन बाद संघीय मंत्री गुलाम सरवर खान ने “एक आत्मघाती हमले में विपक्ष को उड़ा देने” की धमकी दी। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शाहबाज गिल ने कहा कि गद्दारों (सरकार के खिलाफ वोट करने वाले सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सांसदों) की तस्वीरें शहरों में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि लोग उन्हें पहचान सकें।
समर्थक मतदान के दिन इस्लामाबाद आएंगे
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि समर्थक मतदान के दिन इस्लामाबाद आएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जो कोई भी इमरान खान के खिलाफ मतदान करना चाहते हैं उन्हें संसद भवन के अंदर और बाहर प्रदर्शन का सामना करने पड़ेगा। इसके जवाब में विपक्षी पार्टी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक एलायंस (पीडीएम) ने अपने समर्थकों से भी इस्लामाबाद में इकट्ठा होने का आह्वान किया है। इसके बाद हिंसक टकराव को लेकर एक मंच तैयार हो गया है।
एचआरडब्ल्यू ने पूरे मामले पर क्या कहा
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार, सरकार की जिम्मेदारी है कि वह संविधान को बनाए रखे और अविश्वास प्रस्ताव पर धमकी या हिंसा के बिना मतदान की अनुमति दे। राइट्स वॉचडॉग ने कहा, “सरकार और विपक्ष दोनों को अपने समर्थकों को एक कड़ा संदेश देना चाहिए कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित न करें या डराने-धमकाने या अन्य आपराधिक कृत्यों के माध्यम से वोट को प्रभावित न करें।”
विपक्ष ने ओआईसी के शिखर सम्मेलन को बाधित करने की धमकी दी
पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में पेश नहीं करने पर निचले सदन में बैठने और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के शिखर सम्मेलन को बाधित करने की धमकी दी है। आपको बता दें कि सोमवार को संकल्प पेश करने की अंतिम तिथि है। यदि विपक्ष धरना देता है तो उसी दिन होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में बाधा उत्पन्न होगी।
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