उद्योग 4.0 पर सम्मेलन उद्योग, संस्थानों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं के बीच और अधिक सामंजस्य लाएगाः डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने आज गुजरात के केवड़िया में 'उद्योग 4.0: भावी चुनौतियां और आगे की राह' विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8अक्टूबर।केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने आज गुजरात के केवड़िया में ‘उद्योग 4.0: भावी चुनौतियां और आगे की राह’ विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में औद्योगिक क्षेत्रों को डिजिटल विनिर्माण प्रक्रियाओं को अपनाने के प्रति जागरूक बनाना तथा ऑटोमेशन एवं नवाचार को उद्योग के लिए बढ़ावा देना भी है।
इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने 175 ई-बसों (फेम योजना के अंतर्गत गुजरात और कर्नाटक से) को झंडी दिखाकर रवाना किया। झंडी दिखाकर रवाना करते समय गुजरात के मुख्यमंत्री भी समारोह से वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। इस अवसर पर “मॉडल स्मार्ट फैक्ट्री और असेसमेंट टूल्स” का भी उद्घाटन किया गया। इस सम्मेलन के दौरान सीएमटीआई, आईआईएससी, बैंगलोर, आईआईटी, मद्रास, भेल और सी4आई4 ने उद्योग 4.0 की दिशा में उनके द्वारा उठाए गए कदमों को प्रदर्शित किया।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत आज एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के उस संबोधन का उल्लेख करते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 2047 तक एक ‘विकसित राष्ट्र’ बनना चाहिए, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2014 में, भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 50 देशों के समूह में शामिल नहीं था, लेकिन पिछले 8 वर्षों में की गई मोदी सरकार की पहल के कारण आज भारत दुनिया में 40वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स में भारत अमेरिका को पछाड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि उद्योग 4.0 विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन से उद्योग, शैक्षिक संस्थानों, युवाओं, उद्यमियों और नीति-निर्माताओं के बीच अधिक तालमेल कायम होगा। उन्होंने वैश्विक पूंजीगत वस्तुओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने और विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में सरकार की पहलों के बारे में विस्तार से बताया। पूंजीगत वस्तु योजना के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा ऐसे उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनमें साझे इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र, प्रौद्योगिकी के लिहाज से सशक्त पारितंत्र स्थापित किए गए हैं जिनके कारण आज हम उद्योग 4.0 के लिए देश की जनशक्ति को प्रशिक्षित करने हेतु स्मार्ट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।
राज्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उद्योग 4.0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को पढ़ा गया। प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ें “सम्मेलन में विचार-विमर्श से भावी चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में भारतीय उद्योग के लिए रणनीतिक रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी।”
यह सम्मेलन उद्योग 4.0 क्रांति के तहत विनिर्माण में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए उद्योग, शिक्षाविदों और सरकार को एक मंच पर लाया है।
पैनल चर्चा के दौरान श्री दिलीप साहनी (रॉकवेल ऑटोमेशन), श्री समीर प्रकाश (सीमेंस इंडिया), श्री मृदुल शर्मा (किर्लोस्कर समूह), श्री संदीप गोयल (भारत फोर्ज) और डॉ. रवींद्र उटगिकर (प्राज इंडस्ट्रीज) ने ‘विकसित भारत’ के विज़न को हासिल करने के लिए उद्योग 4.0 की शक्तियों का लाभ उठाने के बारे में अपने विचार रखे।
पैनल चर्चा-2 के दौरान श्री शैलेश चंद्रा (टाटा मोटर्स), श्री एरिक वास (बजाज ऑटो), श्री कवन मुख्तयार (पीडब्ल्यूसी इंडिया) और श्री विनोद अग्रवाल (वोल्वो आयशर) ने ऑटोमोटिव क्षेत्र को उद्योग 4.0 की ओर ले जाने वाले प्रमुख कारकों और उद्योग 4.0 की गति को धीमा करने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।
पैनल चर्चा के अंतिम सत्र के दौरान श्री अविनाश सिंह (डेलॉयट टचे तोहमात्सु इंडिया), श्री ज्ञान प्रकाश (टाटा स्टील), श्री वेंकट गरिमेला (श्नाइडर इलेक्ट्रिक) और श्री पुरुषोत्तम कौशिक (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम इंडिया) ने उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकी के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक प्रमुख तत्वों पर चर्चा की।
भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अमित मेहता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।
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