विपक्षी दलों के देश विरोधी हरकतों से देश हैरान व परेशान

kumar rakesh
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*कुमार राकेश

बेंगलुरु से पर्यावरणविद कही जाने वाली एक सामाजिक कार्यकर्त्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी से पूरा विपक्ष तिलमिला गया है.दिशा रवि ने देश द्रोह का कार्य किया है.दिशा पर आरोप है कि उसने देश में किसान आन्दोलन के नाम पर पाकिस्तान व तथाकथित खालिस्तानी संगठनो का साथ दिया है.दिशा ,ग्रेट थन्बर्ग के देश द्रोही टूल किट की लेखिका रही है.ग्रेटा से दिशा की पुरानी दोस्ती रही हैं .इससे जुड़े सारे सबूत दिल्ली पुलिस को मिले हैं.दिल्ली पुलिस के सभी उपक्रमों पर विचार किया जाये तो ये मसला पूरी तरह से  देश द्रोह का है.दिशा और उनके साथियो में निकिता जैकब और शांतनु भी इस राष्ट्र विरोधी नैतिक कार्यों के साथी रहे हैं .दिशा रवि गिरफ्तार है.निकिता फरार है और शांतनु को देश की पुलिस तलाश रही हैं .कोई नहीं बचेगा,बचना भी नहीं चाहिए.ये बात अलग है उन दोनों भगोड़े दश द्रोहियों ने न्यायालय की शरण में जाकर बचने की कोशिश है.लेकिन मेरा मत है कि ऐसे लोगो को पुलिस या कानून की तरफ से कोई रहत नहीं मिलनी चाहिए।

दिशा ने खुद कहा है कि उसने देश द्रोही टूल किट को सम्पादित किया है.इससे तो पूरी तरह से ये बात स्पष्ट है कि उसे सब कुछ पता था और सब कुछ पता है .उसका कनाडा का भारत विरोधी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से भी रिश्ता रहा है.तो कांग्रेस के विद्वान् नेता कपिल सिब्बल,तृणमूल कांग्रेस के नेता ममता दीदी.देश के एक महाभ्रष्ट नेता चिद्मबरम देश को बताये कि उनका दिशा रवि जैसी देश द्रोही से रिश्ता क्या कहलाता है ?यहाँ तक कि सीताराम येचुरी जैसे समझदार नेता नरभसा गए लगते हैं। .

कांग्रेस,वाम दल के नेता दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर उनके 22 वर्षीय होने को मुद्दा बना रहे हैं.उन सभी को उनमें देश विरोध कम,मोदी विरोध के लिए ज्यादा मसाला दिख रहा है.लेकिन वो शायद एक महाभूल कर रहें हैं.यदि विरोधी दलों के उन बचकानी तर्क को मान लिया जाये तो क्या वे 26 जनवरी को लाल किला की देश द्रोही घटना का समर्थन करते हैं ?क्या वे किसान आन्दोलन के नाम पर राष्ट्र विरोधी मुहिम का हिस्सा हैं ? सच में ये सभी विपक्षी दलों के नेता बेशर्म हो गए हैं .सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे.लेकिन अब वैसा कुछ नहीं होगा।

जहाँ तक दिशा रवि के 22 वर्षीय होने के साथ मासूम कहे जाने की बात है तो बुरहान वानी और अजमल कसाब जैसे देश द्रोहियों की उम्र भी 21-22 वर्ष ही तो था. इसलिए एक बड़ा  सवाल हैं कि कांग्रेस, तृणमूल सहित सभी विपक्षी दल किसके साथ हैं? देश के साथ या देश द्रोहियों के साथ? इन सभी विपक्षी दलों को अब अपना स्टैंड को साफ़ करना होगा कि वे  शर्ज़िल इमाम,जफुरा जरगर ,स्टेन स्वामी के साथ हैं या देश  भक्तो के साथ? अब ऐसे और नहीं चलने वाला।

हमारा देश भारत पहले से ज्यादा सजग हो गया है.जाग गया है.पहले से ज्यादा समझदार व संवेदनशील हो गया है.अब देश को कोई भी अपनी  चिकनी चुपड़ी बातों से तोड़ नहीं सकता.अपना देश भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के  मूल मन्त्र “सबका साथ-सबका विकास” के रास्ते निर्बाध गति से चल पड़ा है .पर कांग्रेस ,वाम दल और अन्य बेरोजगार दल स्वयं के लिए रोजगार तलाशने में जुटे हुए हैं।

सभी विपक्षी दलों को अब बड़े पैमाने पर आत्म चिंतन की जरुरत है .उन्हें नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए अभी कई कठिन रास्तों  से गुजरना पद सकता है.क्योकि अभी तो अगले चुनाव 2024 में विपक्ष की सत्ता वापसी की कोई भी सम्भावना नहीं दिख रही .तमाम राजनीतिक व सामाजिक परिपेक्ष्यो के मद्देनजर ऐसा लगता है की एक बार फिर से 2024 में मोदी सरकार ही बनेगी।

शायद इन नेताओ को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का वो बयान याद नहीं है जो उन्होंने करीब तीन साल पहले दिया था.उनका कहना था .मोदी है तो सब मुमकिन है .उन्होंने ये भी कहा था कि विपक्षी दलों को  2029 के चुनावी रणनीति पर काम करना चाहिए,क्योकि अभी 2029 तक तो मोदी व भाजपा को केंद्र सरकार से कोई नहीं हटा सकता .शायद उमर अब्दुल्ला ने ठीक ही कहा था.उमर ने अप्रैल 2018 में प्रिन्सटन विश्वविद्यालय,अमेरिका  के एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में भी प्रधानमंत्री श्री मोदी की खुलकर तारीफ़  की थी.उस सेमिनार में मैंने भी शिरकत की थी.उस सेमिनार में भाजपा नेता डॉ सुधांशु त्रिवेदी,नवीन सिन्हा,कांग्रेस नेता प्रिय दत्त,भारतेंदु सिंह सहित कई नेता मौजूद थे।

भारत बदल रहा हैं.तेजी से बदल रहा है .हर मायने में बदल रहा है .विकास की गति तेज हुई है.अब और होगी.परन्तु इस तेजी से बदलते भारत में राजनीतिक तौर पर विपक्षी दलों को पता नहीं क्या हो गया है .वे भारत में रहकर पाकिस्तान व चीन जैसा व्यवहार कर रहे हैं .शायद इसे ही कहते हैं –शर्म मुझको नहीं आती .कोई कुछ भी कर ले,कह ले ,परन्तु हम नहीं सुधरेंगे.बीमार।मानसिकता भी शायद इसी को कहते हैं।

*कुमार राकेश

 

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