युवाओं की ऊर्जा और उनका समर्पण विकसित भारत के सपने को साकार करने में मदद करेंगे: डॉ. मनसुख मांडविया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अगस्त। केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को अहमदाबाद, गुजरात में आयोजित ‘इम्पैक्ट विद यूथ कॉन्क्लेव 2024’ में मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र भारत, यूनिसेफ, यूनिसेफ युवाह और एलिक्सिर फाउंडेशन के सहयोग से किया गया, जिसमें सैकड़ों उत्साही युवाओं ने भाग लिया।

विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा, “युवा सिर्फ कल के नेता ही नहीं, बल्कि आज के परिवर्तन के वाहक भी हैं। आपकी ऊर्जा, नवाचार, और समर्पण माननीय प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की कुंजी हैं।”

डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत एक युवा देश है, और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार युवाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखती है। सरकार उन्हें सशक्त बनाने और सर्वोत्तम अवसर प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा करते हुए, डॉ. मांडविया ने युवाओं से ‘माई भारत’ प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मंच युवाओं की जरूरतों के लिए एक समग्र समाधान के रूप में कार्य करेगा, जो सूचना, करियर संबंधी आवेदन या फॉर्म जमा करने जैसी सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुलभ बनाएगा।

‘युवा संवाद’ सत्र में, डॉ. मांडविया ने युवाओं के साथ संवाद किया, जहां कई युवा प्रतिभागियों ने समाज में सार्थक योगदान देने के अपने दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया। उन्होंने चुनौतियों पर काबू पाने और अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरक कहानियां साझा कीं।

पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ कार्यप्रणालियों में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. मांडविया ने युवाओं को प्रधानमंत्री की #प्लांट4मदर पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

यूनिसेफ भारत की प्रतिनिधि और यूनिसेफ युवाह बोर्ड की सह-अध्यक्ष, सुश्री सिंथिया मैककैफ्री ने युवाओं को वैश्विक कार्रवाई में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया।

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस
हर साल 12 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है, जो दुनिया के भविष्य को आकार देने में युवाओं के महत्व को रेखांकित करता है। इस वर्ष की थीम, ’’क्लिक से प्रगति तक: सतत विकास के लिए युवाओं की डिजिटल राह’ डिजिटलीकरण के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर देती है।

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