समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 जनवरी। इंफोसिस के को-फाउंडर और भारतीय आईटी उद्योग के दिग्गज नारायण मूर्ति एक बार फिर से चर्चा में हैं, लेकिन इस बार उनकी सुर्खियों की वजह उनके परिवार को हुआ भारी वित्तीय नुकसान है। शुक्रवार को इंफोसिस के शेयरों में करीब 6% की गिरावट ने कंपनी के निवेशकों और मूर्ति परिवार को बड़ा झटका दिया।
शेयरों में भारी गिरावट
शुक्रवार को बीएसई (BSE) पर इंफोसिस के शेयर की क्लोजिंग 5.77% की गिरावट के साथ 1,815.10 रुपये पर हुई। यह गिरावट निवेशकों के लिए नुकसानदेह साबित हुई। नारायण मूर्ति के परिवार, जिनके पास इंफोसिस के बड़े हिस्से के शेयर हैं, को एक ही दिन में करीब 1,900 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
नारायण मूर्ति और उनके हालिया बयान
इस वित्तीय नुकसान की खबर ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले नारायण मूर्ति ने अपनी “70 घंटे काम करने” की सलाह देकर देशभर में चर्चा बटोरी थी। उन्होंने युवाओं से मेहनत और लंबे समय तक काम करने की अपील की थी ताकि भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। हालांकि, उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
शेयरों में गिरावट के कारण
विश्लेषकों का कहना है कि इंफोसिस के शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण मौजूदा बाजार परिस्थितियां और तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक आर्थिक चुनौतियां हो सकती हैं। कंपनी के तिमाही नतीजे और भविष्य की ग्रोथ को लेकर निवेशकों में निराशा का माहौल दिख रहा है।
नारायण मूर्ति का परिवार और इंफोसिस
नारायण मूर्ति का परिवार इंफोसिस में बड़ी हिस्सेदारी रखता है और कंपनी की सफलता के साथ-साथ इसकी चुनौतियों से भी प्रभावित होता है। इस गिरावट के बावजूद, इंफोसिस का नाम भारतीय आईटी उद्योग में एक मजबूत स्तंभ के रूप में बना हुआ है।
निष्कर्ष
हालिया घटनाएं यह दिखाती हैं कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव किसी भी बड़े निवेशक को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, नारायण मूर्ति जैसे उद्योगपति लंबे समय तक सोचने वाले हैं, और यह नुकसान शायद उनकी रणनीति या दृष्टिकोण को बदलने में सक्षम नहीं होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इंफोसिस कैसे इन चुनौतियों से निपटता है और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करता है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.