शारदीय नवरात्री का पांचवा दिन-छठी तिथि देवी कात्यायनी को समर्पित, पीएम मोदी ने किया नमन, यहां जाने पूजा का महत्व

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। शारदीय नवरात्र का आज छठवां दिन है. आज के दिन मां दुर्गा की छठी विभूति मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार कात्यायन ऋषि के तप से प्रसन्न होकर मां आदिशाक्ति ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुईं थीं. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलाती हैं. शास्त्रों के मुताबिक, जो मां कात्यायनी की आराधना करते हैं, उन पर मां की कृपा सदैव बनी रहती है. कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।

मां कात्‍यायनी का रूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भव्य है. इनकी चार भुजाएं हैं. मां कात्यायनी के दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा और नीचे वाला वरमुद्रा में है. बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है. मां कात्‍यायनी सिंह की सवारी करती हैं.

मां कात्यायनी पूजा का महत्व

वामन पुराण में दर्शाया गया है कि राक्षस महिषासुर को मारने के लिए, सहज क्रोध से, देवताओं की ऊर्जा किरणें ऋषि कात्यायन के आश्रम में संयुक्त और क्रिस्टलीकृत हुईं, जहां उन्होंने इसे देवी का उचित रूप दिया. कात्यायन की पुत्री के रूप में कात्यायनी नाम दिया गया है.

माता का वर्णन मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य भाग में मिलता है जिसका श्रेय ऋषि मार्कंडेय को जाता है. उन्हें मां दुर्गा के आदि शक्ति स्वरूप के रूप में पूजा जाता है. अविवाहित लड़कियां व्रत रखती हैं और मनचाहा पति पाने के लिए इस रूप की पूजा करती हैं.

मां कात्यायनी चार हाथों वाली हैं जो कि सिंह पर सवार होती हैं. दो हाथों में वो खड्ग (लंबी तलवार) और फूल कमल धारण करती है. दूसरे हाथ अभयमुद्रा और वरदमुद्रा में हैं. लाल ड्रेस में लिपटी हैं मां कात्यायनी. वो लाल रंग और बृहस्पति ग्रह से जुड़ी हुई हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मां कात्यायनी को श्रद्धापूर्वक नमन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मां कात्यायनी से भक्तों के लिये आशीर्वाद की कामना की है कि नवरात्रि के दौरान हमारे समाज में प्रेम-भाव और भाईचारे की भावना बढ़े। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि मैं मां कात्यायनी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। हमें उनका आशीर्वाद मिले और हमारे समाज में प्रेम-भाव तथा भाईचारे की भावना में और बढ़ोतरी हो।

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