सरकार ने बुधवार को कुछ सोने के आभूषणों और अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध की, की घोषणा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 जुलाई। भारत में सोने के प्रति लोगों का प्रेम जगजाहिर है और गवर्नमेंट भी सोने के आयात के आंकड़ों पर नजर रखती है. राष्ट्र में सोने की खपत बेहद है और इसी वजह से यहां सोने का आयात भी बेहद होता है. अब गवर्नमेंट ने इस सोने के आयात पर कुछ हद तक रोक लगाने का निर्णय किया है.

भारत गवर्नमेंट ने की घोषणा
भारत गवर्नमेंट ने बुधवार को कुछ सोने के आभूषणों और अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा की. इस कदम से कुछ गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने में सहायता मिलेगी. अब आयातकों को इन सोने के उत्पादों को आयात करने के लिए गवर्नमेंट से लाइसेंस की स्वीकृति लेनी होगी.

व्यापार नीति में खामियों को दूर करने का प्रयास
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान दुनिया में कीमती धातुओं का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और राष्ट्र ने अपनी व्यापार नीति में कुछ खामियों को दूर करने के लिए ये नियम पेश किए हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अभी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि, डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में बोला कि इन उत्पादों की आयात नीति को तुरन्त असर से ‘मुक्त व्यापार’ से ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में संशोधित किया गया है.

बिना टैक्स चुकाए इंडोनेशिया से आए सोने के आभूषण
यह कदम उठाने का कारण यह है कि इंडोनेशिया से सादे सोने के आभूषणों के आयात की प्रक्रिया पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसके लिए कोई आयात कर नहीं दिया जा रहा था. मुंबई के एक व्यवसायी का बोलना है कि इंडोनेशिया कभी भी हिंदुस्तान के लिए सोने के आभूषणों का आयातक नहीं रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से आयातक इंडोनेशिया से 3-4 टन सोना आयात कर रहे हैं और इस पर कोई टैक्स नहीं दे रहे हैं.

सोने का आयात घटा
चालू वित्त साल के अप्रैल-मई में मोती और कीमती पत्थरों का आयात 25.36 फीसदी घटकर चार अरब $ रह गया. इस दौरान सोने का आयात भी 40 फीसदी गिरकर 4.7 अरब $ रह गया. गौरतलब है कि हिंदुस्तान में सोने के आयात पर 15 प्रतिशत टैक्स लगता है।

ये प्रतिबंध यूएई-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर लागू नहीं होंगे
हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने साफ किया है कि प्रतिबंध हिंदुस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के अनुसार आयात पर लागू नहीं होगा.

विशेषज्ञों का क्या बोलना है?
कामा ज्वेलरी के व्यवस्था निदेशक कॉलिन शाह का बोलना है कि गवर्नमेंट ने कुछ शर्तों के साथ आयात कम किया है. सोने का आयात बढ़ने से व्यापार घाटे पर नकारात्मक असर पड़ता है। वर्तमान व्यापार जो 22 बिलियन $ का था, पिछले 5 महीनों में सबसे अधिक था. सोने का आयात कम करने से व्यापार घाटे को संतुलित करने में सहायता मिलेगी. सोने के अधिक आयात के कारण रुपये की चाल पर भी असर देखा जा रहा है.

दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए समझौते के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात से आयात की अनुमति दी गई है. हालाँकि, पिछले कुछ समय से यूएई के साथ समझौते के बावजूद सोने का आयात निराशाजनक रहा है. हालाँकि, गवर्नमेंट व्यापक आर्थिक आंकड़ों को संतुलित करने का कोशिश कर रही है. रत्न एवं आभूषण उद्योग को निर्यात क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल के लिए ठीक मूल्य पर सोना मिलना बहुत महत्वपूर्ण है.

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