करोड़ों रुपए की शामलात लैंड अपने रिश्तेदार के नाम करने वाले आई ए एस अफसर को बचा रही है करप्शन पर ज़ीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल।
नूंह जिले में एक आईएएस अधिकारी के करीबी रिश्तेदारों को करोड़ों की शामलात भूमि हस्तांतरित करने का बड़ा रैकेट- हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को धारा 17 (ए) 1988 के तहत अभियोजन की मंजूरी नहीं दे रही है। हमारी जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं और इसमें पैसे की लालच, भू-माफिया का प्रभाव और पंचायत की शामलात भूमि को हड़पने के लिए नियमों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाली एक घटिया मुंबई थ्रिलर के सभी तत्व मौजूद हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 (ए) के तहत अभियोजन की मंजूरी नहीं दे रही है, जिससे आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोपों को पुख्ता करने के लिए सबूत होने के बावजूद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हाथ बंधे हुए हैं। जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गुरुग्राम के एसपी चंद्रमोहन से संपर्क किया गया तो उन्होंने मामले का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वे मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि फाइल मुख्य सचिव के कार्यालय में लंबित है, जो मंजूरी देते हैं। अब तक एक शक्तिशाली राजनेता आईएएस अधिकारी को बचा रहा था और अब गेंद नए मुख्य सचिव के पाले में है। सूत्रों के अनुसार डीजी एंटी करप्शन ब्यूरो ने पत्र संख्या 20106 एसीबी (एच) 18 दिसंबर 2023 के तहत मुख्य सचिव हरियाणा को मंजूरी देने के लिए लिखा है, लेकिन आज तक कोई अनुमति नहीं दी गई है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अब भू-माफिया शिकायतकर्ता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा है। आईएएस अधिकारी डीसी नूंह थे।

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