एम्स द्वारा स्थापित उच्च मानक दूसरों के लिए अनुकरणीय हैं- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के नि:स्वार्थ सेवाभाव की सराहना की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22अगस्त। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कोविड-19 महामारी के दौरान हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान और नि:स्वार्थ सेवा की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ ने हमारे सभ्यतागत लोकाचार में अपना विश्वास व्यक्त किया और अपनी जान को जोखिम में डालकर भी हमारी मदद की।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के 48वें दीक्षांत समारोह को आज संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने चिकित्सा क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करने के लिए संस्थान की प्रशंसा की और कहा कि सेवा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता और कर्तव्य की गहरी भावना, अन्य सभी के लिए अनुकरणीय है।
उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “आपके पास देश और विदेश में कई अवसर होंगे, लेकिन बड़े पैमाने पर अपने लोगों की सेवा करने से आपको जो संतुष्टि मिलेगी वह कहीं और नहीं मिलेगी।”
प्रत्येक क्षेत्र में व्यावसायिकता के उच्च मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने आगाह किया कि “थोड़ी सी ढील, थोड़ा सा व्यावसायीकरण और नैतिकता से थोड़ा दूर होना, उन लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है, जिनकी हम सेवा करना चाहते हैं।”
आयुष्मान भारत कार्यक्रम की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसने कमजोर वर्गों को एक सुरक्षा कवच दिया है, जो पहले उपलब्ध नहीं था। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि इस योजना ने अर्थव्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है, उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के लागू न होने पर कई परिवार वित्तीय रूप से बर्बाद हो गए होते।
भारत को विश्व की फार्मेसी बताते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 9400 से अधिक जन औषधि केंद्रों के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार किया। आम आदमी के लिए दवाओं को किफायती बनाने के क्रम में सभी हितधारकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप उस स्तर का धन अर्जन नहीं कर सकते हैं जैसा कि सामान्य व्यवसाय में किया जा सकता है। इसमें एक सेवा तत्व अंतर्निहित होना चाहिए।”
बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के संबंध में अपनी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार करियर चुनने की सलाह दी। उन्होंने उल्लेख किया, “आप देश और समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान देने में सक्षम होंगे।”
उपराष्ट्रपति ने देश में एम्स की संख्या सात से बढ़कर 23 होने की सराहना करते हुए इसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये नए एम्स, जब पूरी तरह संचालित होंगे तो एम्स, दिल्ली का बोझ कुछ हद तक कम हो जाएगा।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने एम्स के पूर्व संकाय सदस्यों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किए।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, एम्स, नई दिल्ली के निदेशक एम. श्रीनिवास, डीन (अकादमिक) प्रो. मीनू बाजपेयी, एम्स, नई दिल्ली के रजिस्ट्रार प्रोफेसर गिरिजा प्रसाद रथ, पूर्व और वर्तमान संकाय सदस्यों, छात्रों, अभिभावकों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar attending the 48th Convocation of All India Institute of Medical Sciences, New Delhi today. @aiims_newdelhi pic.twitter.com/C9dcwMKh8Y
— Vice President of India (@VPIndia) August 21, 2023
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