समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जनवरी। अमेरिका से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक से मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए खाड़ी के प्रभावशाली मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात से गुहार लगाई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री से बातचीत की याचना करने के बाद यूएई से मांग की है कि वह कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में मदद करे। उन्होंने कहा कि मैंने भाई और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद से अनुरोध किया है। वह भारत के भी अच्छे दोस्त हैं और वह दोनों देशों को वार्ता की मेज पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
शहबाज शरीफ ने अल अरबिया टीवी चैनल से बातचीत में पीएम मोदी से अनुरोध किया कि वह कश्मीर समेत सभी ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर और ईमानदारी के साथ बातचीत करें। उन्होंने कहा कि इसमें यूएई एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा भारत के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश है कि आइए बैठकर बातचीत करते हैं। यह बातचीत गंभीर और ईमानदारी वाली होगी ताकि कश्मीर जैसे मुद्दों का समाधान हो सके।’ शहबाज ने आरोप लगाया कि भारत ने अनुच्छेद 370 को खत्म करके कश्मीर की स्वायत्तता को खत्म कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है।
यूएई ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया
पाकिस्तान पीएम ने दुनिया से कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और दोनों को एक-दूसरे के साथ जीना होगा। यह हमारे ऊपर है कि शांति के साथ रहें और या तो विकास की राह पर बढ़ें या झगड़ते रहें तथा समय और संसाधनों को बर्बाद करें। हमने भारत के साथ तीन जंगें लड़ी हैं और इससे हमारे देश के लोगों में संकट, गरीबी और बेरोजगारी आई है। हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति के साथ जीना चाहते हैं। हम अपनी असली समस्याओं का समाधान चाहते हैं। हम गरीबी को खत्म करके समृद्धि को हासिल करना चाहते हैं। हम बम पर पैसा न बर्बाद करके अपने लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य देना चाहते हैं। यह मेरा संदेश है जो मैं पीएम मोदी को देना चाहता हूं।’
शहबाज का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत के दोस्त यूएई ने पिछले दिनों कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया था। दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तानी पीएम यूएई के दौरे पर गए थे लेकिन दोनों देशों के बीच जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र नहीं किया गया था। इससे पहले यूएई ने यह भी ऐलान किया था कि वह कश्मीर में निवेश भी करेगा। वहीं पाकिस्तान की इच्छा थी कि यूएई कश्मीर से दूर रहे और विवादित मुद्दा माने।
यूएई भारत का दोस्त, लाखों भारतीय करते हैं काम
यही नहीं यूएई ने भारत की ओर से हाल ही में आयोजित किए गए वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया था जो भारत की बढ़ती धाक का प्रतीक माना जाता है। पीएम मोदी ने हाल ही यूएई की यात्रा की थी और राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। यूएई भारत में जमकर निवेश कर रहा है। यूएई में लाखों की तादाद में भारतीय भी रहते हैं। इससे भारत को अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा मिलती है।
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