समग्र समाचार सेवा
हस्तिनापुर, 11 मार्च। इस चुनाव में भी हस्तिनापुर से जुड़ा मिथक बरकरार रहा। मेरठ की हस्तिनापुर सीट पर पूरे सूबे की निगाह थी। यहां के रुझान को जानने के लिए राजनीतिक दलों से लेकर जनता में बड़ी उत्सुकता रही। चुनावी संग्राम में हस्तिनापुर पर सबकी निगाहें इसलिए टिकी थी कि यहां से जुड़ा संयोग है कि जिस पार्टी के प्रत्याशी ने इस सीट पर चुनावी जंग जीती, सूबे के सिंहासन पर उसी दल का राज होता है।
दिनेश खटीक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की
हस्तिनापुर से राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इस सीट पर यह मिथक बरकरार रहा कि भाजपा ने हस्तिनापुर सीट से जीत दर्ज की तो सूबे में सत्ता का सिंहासन भी भाजपा को ही मिला। इस बार हस्तिनापुर से जुड़ी एक बात जरूर बदली कि एक 1989 के बाद से 2017 तक विधानसभा चुनाव में अभी तक कोई भी प्रत्याशी यहां से लगातार दूसरी जीत दर्ज नहीं कर सका।
दिनेश खटीक ने भी तोड़ा मिथक
दिनेश खटीक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर यह मिथक भी तोड़ दिया। इसके अलावा एक मिथक यह भी था कि अगर यहां से कोई मंत्री बना तो दोबारा उस दल की सरकार नहीं आई। ऐसे में दिनेश खटीक ने दूसरा मिथक भी तोड़ दिया। वह राज्यमंत्री थे, चुनाव जीते और प्रदेश में सरकार भी भाजपा की बनी।
हस्तिनापुर : कब कौन रहा एमएलए
क्रम संख्या | वर्ष | पार्टी | प्रत्याशी का नाम |
1 | 2022 | भाजपा | दिनेश खटीक |
2 | 2017 | भाजपा | दिनेश खटीक |
3 | 2012 | एसपी | प्रभुदयाल वाल्मीकि |
4 | 2007 | बीएसपी | योगेश वर्मा |
5 | 2002 | एसपी | प्रभुदयाल वाल्मीकि |
6 | 1996 | निर्दलीय | अतुल खटीक |
7 | 1991 | भाजपा | गोपाल काली |
8 | 1989 | जनता दल | झग्गड़ सिंह |
9 | 1985 | कांग्रेस | हरशरण जाटव |
10 | 1980 | कांग्रेस | हरशरण जाटव |
11 | 1977 | कांग्रेस | रेवती शरण मौर्य |
12 | 1974 | कांग्रेस | रेवती शरण मौर्य |
13 | 1969 | भाक्रां दल | आशाराम इंदू |
14 | 1967 | कांग्रेस | रामजीलाल सहायक |
15 | 1962 | कांग्रेस | पीतम सिंह फंफूड़ा |
16 | 1957 | कांग्रेस | बिशम्बर सिंह |
17 | 1951-1952 | कांग्रेस | रामजीलाल सहायक (आरक्षित) |
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