गुस्ताखी माफ़ हरियाणा-पवन कुमार बंसल
मनोहर लाल के लिए करनाल आसान नहीं है – कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। करनाल संसदीय क्षेत्र में मनोहर लाल खट्टर के लिए चुनावी भविष्यवाणी सीधी नहीं है। अंदरूनी रिपोर्टों के अनुसार, मुकाबला कड़ा और चुनौतीपूर्ण होने की उम्मीद है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में खट्टर के खिलाफ बड़ी लहर है। पिछले साढ़े नौ सालों से हरियाणा में भाजपा के लिए अहम शख्सियत रहे खट्टर का सीधा मुकाबला हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा से है। पहले माना जा रहा था कि वे कमजोर उम्मीदवार हैं। खट्टर का अभियान सत्ता विरोधी लहर, ग्रामीण-शहरी गतिशीलता और मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले कार्यकाल की विरासत को ध्यान में रखकर चल रहा है। भाजपा ने इस निर्वाचन क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, 2019 के चुनावों में मजबूत जीत के अंतर के साथ। हालांकि, खट्टर सत्ता विरोधी लहर और स्थानीय उद्यमियों की मांगों से भी निपट रहे हैं, जो चुनावी लड़ाई में जटिलता जोड़ता है। वैसे तो 2014 से ही भाजपा करनाल सीट जीतती आ रही है और खट्टर खुद भी पार्टी के प्रभावशाली रणनीतिकार रहे हैं, लेकिन आगामी चुनाव का नतीजा मतदाताओं की भावना, अभियान की प्रभावशीलता और चुनाव के समय राजनीतिक माहौल सहित कई कारकों पर निर्भर करेगा। इसलिए, हालांकि कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि मुकाबला काफ़ी कड़ा होगा।
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