बंगाल की जनता ममता दीदी की तानाशाही से मुक्ति पाना चाहती है, चुनाव दर चुनाव कमल खिलाना चाहती है: अनुराग ठाकुर
समग्र समाचार सेवा
कोलकाता , 31जुलाई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर पश्चिम बंगाल पहुंचे। संवाददाताओं से वार्तालाप करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने पश्चिम बंगाल समेत अन्य विपक्षी राज्यों में लगातार हो रही वीभत्स घटनाओं का मुद्दा उठाया और उस पर विपक्षी इकोसिस्टम की चुप्पी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मणिपुर गये विपक्षी नेताओं का दल क्या बंगाल-राजस्थान की बेटियों की सुध लेने आएगा, उन पर हो रहे अत्याचार की रिपोर्ट बनाएगा ? पॉलिटिकल टूरिज़्म के ये टूरिस्ट क्या बंगाल-राजस्थान जाकर ममता-गहलोत सरकार के संरक्षण में हुई महिलाओं की दुर्गति को भी देखेगें, इनकी पीड़ा को समझेगें, इनका दर्द साझा करेंगे?”
“मेरा अधीर रंजन चौधरी जी से सवाल है क्या वह पश्चिम बंगाल में हो रहे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से सहमत हैं? पश्चिम बंगाल में 57 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई हत्या के द्वारा सत्ता हथियाई गई। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर है पर किसी ने “लड़की हूं लड़ सकती हूं” को वहां जाते नहीं देखा। राहुल गांधी जो विदेश जाकर ज्ञान पीटते हैं वह भी वहां नहीं दिखे।”
अनुराग सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “बंगाल में लोकतंत्र लाचार है, मानवता शर्मसार है। ममता दीदी की शह से आज बंगाल में अपराधियों, गुंडों, दंगाइयों का बोलबाला है। क़ानून व्यवस्था ध्वस्त है, जनता त्रस्त है। ममता राज में तृणमूल पार्टी अपराधियों को संरक्षण दे रही है, उनको पाल पोस रही है।”
अनुराग सिंह ठाकुर इसके पश्चात रामकृष्ण परमहंस जी की जन्मस्थली भी गए। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के कामारपुकुर में महान आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक रामकृष्ण परमहंस जी की जन्मस्थली पर जाकर उन्हें नमन करने, उनके प्रेरणादायी जीवन को समझने व मानवता के लिए किए गये उनके सद्कार्यों को गहराई से समझने का सुअवसर प्राप्त हुआ।”
इसके बाद उन्होंने हुगली में संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लिया और कहा, “हुगली, बंगाल में पंचायत चुनावों में भाजपा के विजयी सदस्यों व चुनाव में प्रतिभागी समर्पित कार्यकर्ताओं से संवाद कर उन्हें सम्मानित करने का सौभाग्य मिला। राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा, अराजकता, दमनकारी नीतियों के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशियों की विजय दिखाती है कि बंगाल की जनता ममता दीदी की तानाशाही से मुक्ति पाना चाहती है, चुनाव दर चुनाव कमल खिलाना चाहती है।”
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