मुख्यमंत्री की संकल्पना की ऑनलाईन चिकित्सा परिषद को बढ़ता प्रतिसाद

छोटे बच्चों में संक्रमण को लेकर बेसावध न रहे, समय पर डॉक्टर को दिखाएं

समग्र समाचार सेवा
महाराष्ट्र, 24 मई। कोविड के खिलाफ की लड़ाई में डॉक्टर्स को बड़े पैमाने शामिल कर लेने की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की संकल्पना को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और यह प्रतिसाद बढ़ रहा है। आज इस उपक्रम के दूसरे चरण में राज्य के ६ हजार ३०० बाल रोग विशेषज्ञों को राज्य सरकार के कोविड विषयक बाल रोग विशेषज्ञ टास्क फोर्स ने चिकित्सा उपचार को लेकर व्यवस्थित मार्गदर्शन किया।

बच्चों में कोविड और कोविड से संबंधित मानसिक व भावनिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने पर भी इस दौरान चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बच्चों में संक्रमन को लेकर बेसावध न रहें, समय पर ही डॉक्टर को दिखाएं, कोविड के खिलाफ हमारा एकसाथ होने की यह शृंखला मजबूत रखकर इस विषाणू को हम सभी मिलकर हराएंगे।
विशेषत: यह कार्यक्रम बालरोग विशेषज्ञों के अतिरिक्त अन्य संस्था व संगठनों के तकरीबन ५२ हजार डॉक्टर्स और हजारों आम लोगों ने यानि दर्शकों ने भी विविध माध्यमों से देखा है। राज्य सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञों के टास्क फोर्स की स्थापना की है। डॉ.सुहास प्रभू यह इसके अध्यक्ष है और डॉ.विजय येवले, डॉ. परमानंद आंदणकर यह इस फोर्स के सदस्य है। इन विशेषज्ञो ने छोटे बच्चो के कोविड संक्रमन पर मार्गदर्शन किया है और चिकित्सक उपचार को लेकर विस्तार से जानकारी दी है।

Chief Minister Uddhav Thackeray's concept of involving doctors on a large scale in the fight against Kovid is getting good response and the response is increasing.  इस दौरान अनेक बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब टास्क फोर्स ने दिये और उनकी शंकाओं का निरसन किया है। इसके अलावा मुख्य टास्क फोर्स के डॉ संजय ओक, डॉ. शशांक जोशी, डॉ. तात्याराव लहाने ने भी इस दौरान सूचना की है।

सफलता आपकी है, मैं केवल निमित्तमात्र हूँ
इस दौरान बोलते हुये मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना के खिलाफ की जो लड़ाई हम लड़ रहे है उसमें पूरी सफलता नहीं है लेकिन हम मरीजों की संख्या नियंत्रण में लाने एवं रखने में सफलता प्राप्त कर रहे है। इसमें आप सभी डॉक्टर्स, स्वास्थ्य यंत्रणा, सरकार को सहयोग करनेवाले सभी दलों के लोग, आम नागरिक सभी की यह सफलता है। मैं तो सिर्फ निमित्तमात्र हूँ। मेरी टीम मजबूत एवं कुशल है।

कोरोना विषाणू की जैसी संक्रमन की शृंखला होती है वैसी ही हम भी एक मजबूत शृंखला बनाकर इस विषाणु का मुकाबला करेंगे, इसके लिए अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा परिवार, मेरी ज़िम्मेदारी अभियान की व्याप्ति बढ़ती जा रही है। तीसरी लहर आएगी क्या? और अगर आयी तो छोटे बच्चों को कितना संक्रमित करेगी, इस पर अभी अनुमान ही है, लेकिन हमें सतर्क एवं सावध रहना पड़ेगा। पहली लहर में ज्येष्ठ नागरिक और दूसरी लहर में युवाओं को कोरोना का संक्रमन हुआ है। अभी संक्रमन होने की आयु कम हुई है इसलिए तीसरी लहर में छोटे बच्चों को संक्रमन होगा, यह अनुमान लगाया जा रहा है।

परिजनों को अस्वस्थ नहीं बल्कि आश्वस्त करें
कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है और ऐसे में कड़े प्रतिबंध लगाने जैसे कड़े निर्णय भी लेने पड़े है। इस पर अपनी बात कहते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले रविवार को ही मैंने राज्य के सभी डॉक्टर्स से बातचीत की। छोटे बच्चों को लेकर हमारा डॉक्टर्स पर पूरा अंधविश्वास होता है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि डॉक्टर जो भी बताएंगे हम वैसे ही इलाज हम अपने छोटे बच्चों पर करते है। बीमारी की तुलना में इलाज अधिक तथा भयंकर न हो, इसका ध्यान रखा जाए । क्या करे और क्या नहीं, वो सब अपने डॉक्टर्स की ओर से समझे। डॉक्टर्स भी बच्चों के परिजनों को अस्वस्थ नहीं बल्कि आश्वस्त करें, उनका योग्य मार्गदर्शन करें। कोरोना का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, इस बात को ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर में ऑक्सिजन का एवं अन्य कुछ बातों की कमी दिखाई दी लेकिन अब ऑक्सिजन को लेकर आत्मनिर्भर होने के लिए कड़े कदम उठाएँ है। अगले कुछ दिनों के लिए सुविधाओं को भी बढ़ाया जाए। टीकाकरण को लेकर भी १८ से ४४ आयुगुट के लिए १२ करोड़ टीके एक रकमी लेने की हमारी तैयारी है। लेकिन टीका उपलब्ध नहीं हो रहा है यहीं हमारी समस्या है। हम निरंतर इसके लिए प्रयास कर रहे है और मुझे विश्वास है की, जून के बाद टीके की आपूर्ति सुचारु रूप से शुरू होगी और हम महाराष्ट्र के सभी नागरिकों का टीकाकरण तेजी से कर सकेंगे।

उपचार को लेकर अनेक शंकाओं का किया समाधान
शुरुआत में टास्क फोर्स ने प्रस्तुतिकरण किया। कोविडग्रस्त बच्चों को स्तनपान, अंगणवाडी सेविकाओं की भूमिका, इस दौरान उन्होंने बच्चों में सौम्य, मध्यम और तीव्र स्वरूप के संक्रमन को कैसे पहचाने, सीटी स्कैन (सरसकट) बच्चों का न करें, बच्चों में और कई बीमारियाँ वैसे तो नहीं होती है लेकिन जिनमें अन्य बीमारी भी है, उन पर कैसे इलाज करें, कोविडग्रस्त बच्चों का ध्यान रखते समय परिजनों ने कौन-सा ध्यान रखना चाहिए, मास्क, हाथ धोना यह सभी ध्यान कैसे रखना है, घर के ज्येष्ठ सदस्यों को कोविडग्रस्त बच्चों से कैसे दूर रखें, कोविड की वजह से बच्चों में फुफ्फुस का संक्रमन, शुगर टाईप एक बच्चों को लेकर उपचार, बच्चों के लिए ६ मिनिट वॉक टेस्ट कैसे करें, घर पर विलगीकरण के बच्चों के उपचार का प्रोटोकॉल कैसे करें, ऐसे बच्चों को कोविड ध्यान (काळजी) केंद्र में ले जाने की निश्चित स्थिति को कैसे पहचाने, कोविड के बच्चों को खाने-पीने की पथ्य क्या होने चाहिए, ऐसे बच्चों को बीसीजी और अन्य टीके को लेकर क्या किया जाए, बच्चों में म्युकरमायकोसीस की कितनी संभावना होती है, बच्चों में हायपोक्सिया होता है क्या? बच्चों को कौन-सा टीका लगाएं, छोटे बच्चों को मास्क लगाएं या नहीं इन सभी विषयों पर विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन किया।

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