5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का दूसरा दिन, पहले दिन लगी इतने 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27जुलाई। 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दूसरे दिन पांचवें राउंड की बोली लगनी शुरू हो गई है। इससे पहले मंगलवार को पहले दिन चार राउंड में कंपनियों ने अनुमानों से अधिक 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगाई।

इससे पहले, मंगलवार (26 जुलाई) को दूरसंचार मंत्रालय ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू की। नीलामी की यह प्रक्रिया बुधवार को भी जारी रहने की उम्मीद है। पहले दिन की स्पेक्ट्रम नीलामी पर सरकार की ओर से बताया गया है कि 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान कंपनियों ने उम्मीद से बढ़कर बोलियां लगाईं।

सरकार की ओर से बाताया गया है कि नीलामी के पहले दिन हुए चार राउंड की बिडिंग में सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली हैं।
पहले दिन की स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत में हो रही पहली नीलामी में पहले ही दिन कांपनियों की ओर से लगाई गई बोलियों ने 1.45 लाख का आंकड़ा छू लिया है। 26 जुलाई 2022 को सुबह दस बजे शुरू हुई 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया में पहले दिन शाम छह बजे तक चार राउंड में बोलियां लगाई गईं। इस दौरान मंत्री ने यह भी कहा कि अगर बोली लगाने वालों बीच और स्पेक्ट्रम की मांग बची रही तो नीलामी बुधवार को भी जारी रहेगी।

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन 700 Mhz बैंड फ्रीक्वेंसी के लिए बोलियां मिली हैं। वैष्णव ने कहा कहा है कि मंत्रालय इस साल 15 अगस्त से पहले नीलामी प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है, ताकि इसी साल सितंबर से अक्टूबर महीने तक देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत की जा सके।

नीलामी प्रक्रिया में तीन बड़े मोबाइल सेवादाताओं के अलावा अदाणी समूह की अदाणी डेटा नेटवर्क्स भी हिस्सा ले रही है। अदाणी ग्रुप के अलावा रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया भी स्पेक्ट्रम्स की बोली लगाएंगे। इस नीलामी में कुल 72 गीगाहर्ट्ज एयरवेव की बोली लगेगी।

20 साल के लिए हो रही है 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी

नीलामी में 72,097.85 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की 20 साल के लिए बोली लगेगी। जिन स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी के लिए नीलामी हो रही है, उनमें 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 3300 MHz और 26 गीगाहर्ट्ज (GHz) के बैंड शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर टेलीकॉम सेवा प्रदाता मध्य और उच्च बैंड वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाएंगे, ताकि देश में 4G से करीब 10 गुना ज्यादा स्पीड और क्षमता वाली सेवाओं को उतारा जा सके।

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