समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21मई। ज्ञानवापी मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहमति जताते हुए यह दावा किया है कि हिंदू पक्ष यह साबित करने में पूरी तरह से सक्षम होगा कि ज्ञानवापी परिसर में पाया गया शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह मामला आसान है, इसके लिए गंभीर और अनुभवी जजों की जरूरत है.।
विहिप प्रमुख ने कहा कि हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाया गया ‘शिवलिंग’ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उन्होंने कि पौराणिक कथाओं में भी इसका उल्लेख है कि जिस तरफ नंदी देख रहे हैं, उसी तरफ ज्योर्तिंलिंग है। उन्होंने कहा कि मुगलों ने मंदिर पर हमला करके उसे नुकसान पहुंचाया था और वहां वजूखाना बनवाया था. कुमार ने कहा कि हमारे पास जो साक्ष्य हैं, उसे कोर्ट को देंगे और कोर्ट ही तय करेगा कि सच्चाई क्या है. उन्होंने कहा कि जजों को स्थानीय कमिश्नर की रिपोर्ट लेने के लिए अधिकृत किया गया है और हम साबित करेंगे कि यह मूल ज्योतिर्लिंग है. विहिप नेता ने आगे दावा किया कि 1991 का अधिनियम ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर लागू नहीं होगा।
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