समग्र समाचार सेवा
लखनऊ ,18 जनवरी।अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में जबरदस्त उत्साह है. जैसे-जैसे राम मंदिर उद्घाटन की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे माहौल भी राममय हो रहा है. एक तरफ जहां लोग प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह भगवान राम की मूर्ति कब अपने स्थान पर सजाई जाएगी इसका भी इंतजार कर रहे हैं. इन सबके बीच, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मीडिया से बातचीत की.
गर्भगृह के चबूतरे पर सजाई गई रामलला की मूर्ति
उन्होंने बताया कि बुधवार देर रात प्रभु राम की भव्य मूर्ति राम मंदिर परिसर में पहुंचाई गई. इस दौरान अयोध्यावासियों और मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की तरफ से ‘जय श्री राम’ के जयकारे लगाए. उन्होंने बताया रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है, और भगवान राम की मूर्ति को गर्भगृह के चबूतरे पर सजा दिया गया है.
मीडिया ने आचार्य दास के हवाले से बताया कि गर्भगृह के बाहर पर्दा लगाया गया है और रामलला की मूर्ति की आँखों पर कपड़ा बंधा है. गर्भगृह के आस-पास किसी को भी मोबाइल ले जाने की इजाज़त नहीं है. यहां UPSSF की टीम तैनात है और खासतौर से गर्भगृह के बाहर सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए है.
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद क्या होगा?
यही नहीं आचार्य सत्येंद्र दास ने प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद क्या-क्या होगा, इस बात की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया 22 जनवरी के बाद नई विधि से भगवान राम की पूजा की जाएगी. प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद रामानंदी सम्प्रदाय की विधि अपनाई जाएगी. इस दौरान पांच वक्त की विशेष आरती होगी, रामलला के वस्त्र रोजाना बदले जाएंगे. आचार्य दास ने बताया कि पहली और आखिरी आरती पर विशेष सूट का प्रयोग किया जाएगा. बता दें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विशेष पूजन की नवीन विधि की सूची सत्येंद्र दास को सौंपी है.
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