रियासी में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसे पूरी दुनिया से सराहना प्राप्त हो रही है: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रियासी जिले के जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) के बैठक की अध्यक्षता की

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई “प्रसाद” योजना (स्वदेश दर्शन और तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन) के अंतर्गत पवित्र शहर कटरा, वैष्णो देवी में आधारभूत संरचना और अन्य विकास कार्यों के लिए लगभग 52 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी आज जम्मू के रियासी जिले में दी, जहां पर वे रियासी जिला की ‘दिशा’ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

सिंह ने कहा कि रियासी जिले के सभी लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि विश्व का सबसे ऊंचा पुल अब लगभग बनकर तैयार हो चुका है और इसे पूरी दुनिया में सराहा भी जा रहा है, इसके लिए रेल मंत्रालय के साथ काफी लंबा फॉलो अप किया गया जिसके बाद छह वर्ष पहले इसे मंजूरी प्राप्त हुई और इसके शुरुआती चरण में संरेखण जैसी कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था। मंत्री ने कहा कि यह कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण रेलवे लिंक के रूप में काम करेगा। डॉ. सिंह ने कटरा-नई दिल्ली एक्सप्रेस कॉरिडोर के बारे में कहा कि चार वर्ष पूर्व इस परियोजना को मंजूरी प्राप्त हुई थी और अब इसका काम फास्ट ट्रैक पर चल रहा है और इसमें पठानकोट से जम्मू तक मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन करना भी शामिल है।

इस बैठक में डीडीसी के अध्यक्ष सर्राफ सिंह नाग, डीडीसी के उपाध्यक्ष सजरा कादिर, रियासी की उपायुक्त बबिला रकवाल, बीडीसी, डीडीसी और सभी जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के अलावा दिशा के मनोनीत सदस्य भी शामिल हुए।

रियासी की उपायुक्त बबीला रकवाल ने जिले के विभिन्न विभागों जैसे पीएचई, पीडब्ल्यूडी, पीडीडी, स्वास्थ्य, पीएमजीएसवाई, शिक्षा, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास, जिला उद्योग और वाणिज्य, आईसीडीएस, समाज कल्याण, पशुपालन आदि द्वारा सीएसएस योजनाओं के अंतर्गत चल रहे विभिन्न विकास कार्यों के बारे में विस्तृत पावरप्वाइंट प्रस्तुति दी।

केंद्रीय मंत्री ने इसकी व्यापक समीक्षा की और उन्होंने बल देकर कहा कि सरकार के मुख्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और पीएचई शामिल हैं और अधिकारियों से आम जनता तक पहुंचने के लिए उत्साह, ईमानदारी, समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ काम करने के लिए कहा। उन्होंने कृषि, बागवानी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने पर भी बल दिया जिसके माध्यम से जिले में रोजगार के ज्यादा अवसर उत्पन्न हो सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने जिले, विशेष रूप से दूर-दराज इलाकों, का सर्वांगीण विकास करने के लिए कई कार्यक्रमों और योजनाओं की शुरूआत की हैं और कहा कि अधिकारी इसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ लागू करें।

इसके पश्चात, पिछली दिशा बैठक में पीआरआई सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर की गई कार्रवाई के संदर्भ में उपायुक्त ने पावर प्वाइंट के माध्यम से विस्तारपूर्वक विवरण दिया।

बैठक के दौरान, सभी पीआरआई सदस्यों ने विकास कार्यों की प्रगति में सुधार लाने और निर्धारित समय सीमा के अंदर इसे पूरा करने के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा और सराहना की। उन्होंने दिशा के अध्यक्ष के सामने अपने नए मुद्दों और मांगों को भी रखा, जिनमें पीएमएवाई के अंतर्गत वंचित रह गए लाभार्थियों को शामिल करना, नाबार्ड के अंतर्गत सड़क संपर्क प्रदान करना, कौड़ी में सबसे ऊंचे रेलवे पुल का नामकरण, सरकारी स्कूलों में कर्मचारियों की कमी, पीएमएवाई (जी)- II के लंबित भुगतान को जारी करना, रियासी में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना, सौर बल्ब लगाना, कटरा बस अड्डे का निर्माण कार्य, कटरा में खराब सीसीटीवी कैमरों को ठीक करना, रियासी बस अड्डे की क्षमता को बढ़ाना, पशु चिकित्सालय का स्थानांतरित करना, ईओ पद पर बहाली और खनन पर प्रतिबंध आदि शामिल हैं।

बैठक के दौरान जानकारी प्रदान की गई कि ‘प्रसाद’ योजना के अंतर्गत कटरा को 51.60 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसमें कई घटक शामिल हैं जैसे बहुउद्देशीय पर्यटक सुविधा केंद्र, नेहरू पार्क का विकास और उन्नयन, फव्वारा चौक का विकास, श्रीधर भगत की प्रतिमा, अखाड़ा का विकास, एशिया से फाउंडेशन चौक तक सड़क का पुनर्विकास, फाउंडेशन चौक से बाणगंगा तक सड़क का पुनर्विकास, टीआरसी भवन के अग्रभाग में लिफ्ट और संबद्ध कार्य, फव्वारा चौक के पास बाणगंगा द्वार का निर्माण, पर्यटक गेस्ट हाउस, वाटर प्वाइंट और पहचानसूचक बोर्ड आदि, जिनमें से कुछ मामले भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के पास विचाराधीन हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बैठक में आश्वासन दिया कि पीआरआई सदस्यों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों और मांगों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

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