हिन्द रक्षक संगठन के कार्यकर्ता राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के प्रहरी हैं :  एकलव्य सिंह गौड़

समग्र समाचार सेवा
गोवा , 26 जून।  हिंदरक्षक संगठन के कार्यकर्ता राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के संरक्षक हैं। संस्था की ओर से हिंदू उत्सवों का विकृतिकरण रोककर उसका पारंपरिक स्वरूप लोटाने के प्रयास किए जा रहे है, ऐसा प्रतिपादन उपरोक्त इंदौर स्थित ‘हिंद रक्षक संगठन’ के संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ ने दी ।*

वह हिंदू जनजागृति समिती द्वारा आयोजित वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव में ‘हिंदू मानवबिंदुओंकी रक्षा’ विषय पर बोल रहे थे । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र प्रान्त संगठक श्री. सुनील घनवट, सर्व ब्राह्मण महासभा के संस्थापक पंडित सुरेश मिश्रा और संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राजस्थान के अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर मंच पर उपस्थित थे।

एकलव्य जी ने आगे बताया कि, होली के दौरान अनाचार रोकने के लिए उस दिन परिवार के साथ राधा-कृष्ण फाग (पारंपरिक नृत्य) यात्रा, 60 हजार विद्यार्थियों को महापुरुषों के बारे में जानकारी देने वाली 3 लाख कॉपियों का वितरण और अनाचार रोकने के लिए पारंपरिक पोशाक में धार्मिक गीतों पर खेले जाने वाले गरबा का आयोजन करना प्रारंभ किया । मालवांचल में 2000 से अधिक स्थान पर फाग उत्सव प्रारंभ किया । अब मालवांचल में 100 से अधिक राधा-कृष्ण फाग यात्राओं में लाखों हिंदू भाग लेते हैं । लेकिन इस यात्रा को शुरू करने के लिए हमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। य

मालवांचल के वनवासी क्षेत्र में गरीबी और पानी की कमी के कारण बड़े पैमाने पर धर्मांतरण होता है। वहां के 1 हजार 232 गांवों में शिवालयों की स्थापना और साथ ही 500 से अधिक तालाब बनवाकर हिंदरक्षक और शिवगंगा संगठन ने धर्मांतरण को रोकने में सफलता हासिल की है । संगठन ने देवताओं का मजाक उड़ाने वाले हिंदू विरोधी हास्य कलाकार मुन्नवर फारूकी के खिलाफ भी मोर्चा संभाला।

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