विश्व एक परिवार है और हम सभी को आर्य बनाएंगे’, बैंकॉक में बोले मोहन भागवत

कुमार राकेश
बैंकॉक (थाईलैण्ड),24 नवंबर। विश्व हिंदू कांग्रेस सम्मेलन इस बार थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में आयोजित हो रहा है. इसमें भाग लेने पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पंहुचे हैं ‘विश्व हिंदू कांग्रेस 2023’ को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, आज कल भौतिक सुख के सभी साधनों पर कब्ज़ा पाने के लिए लोग एक-दूसरे से लड़ने और हावी होने की कोशिश करते हैं” विश्व एक परिवार है और हम सभी को ‘आर्य’ बनाएंगे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं। हम हर जगह जाते हैं, सबके दिल को छूने की कोशिश करते हैं, कुछ लोग राजी होते हैं तो कुछ राजी नहीं भी होते, लेकिन फिर हम सभी से जुड़ते हैं।

वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन हर चार साल में होता है। वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन ने इस बार कार्यक्रम को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में ऑर्गनाइज किया है। 24 नवंबर को शुरू हुआ प्रोग्राम 26 नवंबर तक चलेगा।

हमारा धर्म विजय पर विश्वास- संघ प्रमुख
भागवत के मुताबिक, हम धर्म विजय पर भरोसा करते हैं। इसी पर हमारा धर्म टिका हुआ है। यह प्रक्रिया धर्म नियम पर आधारित है और इसी के फलस्वरूप धर्म हमारे लिए कर्तव्य बन जाता है।

‘हमने धन विजय और असुर विजय का भी अनुभव किया है। धन विजय के मायने वस्तुओं से मिलने वाली खुशी से है, लेकिन इसमें इरादे ठीक नहीं होते। यह आत्मकेंद्रित होने जैसा है। देश ने 250 साल तक (अंग्रेजों की) धन विजय देखी।’ ‘असुर विजय यानी अन्य समुदायों के लिए अग्रेशन का भाव रखना। उन्होंने (मुस्लिमों ने) 5200 साल शासन किया। इससे हमारी धरती पर तबाही मच गई थी।’

सम्मेलन की थीम- जयस्य आयतनं धर्मः
तीसरे विश्व हिंदू कांग्रेस सम्मेलन की थीम ‘जयस्य आयतनं धर्मः’ रखा गया है। इसका अर्थ होता है- ‘धर्म, विजय का आधार।’ सम्मेलन 26 नवंबर तक चलेगा। इसमें दुनिया के कई क्षेत्रों में हिंदुओं के साथ हो रहे भेदभाव, अत्याचार और उससे निपटने के तरीकों के साथ हिंदुओं की उपलब्धियों पर भी विचार मंथन किया जाएगा।

दुनिया अब लड़खड़ा रही
मोहन भागवत ने आगे कहा, ‘आज की दुनिया अब लड़खड़ा रही है। इसने दो हजार वर्षों से खुशी, आनंद और शांति लाने के लिए कई सारे प्रयोग किए हैं। इतना ही नहीं, भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की कोशिश की है। सब भौतिक सुख प्राप्त कर लिया है, लेकिन फिर भी संतुष्टि नहीं है।’

भारत से उम्मीद
उन्होंने कहा, ‘ भौतिक सुख सुविधाओं के बावजूद लोग खुश नहीं हैं। दुनिया ने कोविड काल के बाद पुनर्विचार शुरू कर दिया है। ऐसे में लगता है कि वे इस सोच में एकमत हैं कि भारत रास्ता दिखाएगा क्योंकि भारत पहले भी ऐसा कर चुका है। उन्हें भारत से उम्मीद है और वहीं हमारे समाज और राष्ट्र का भी यही उद्देश्य है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें जाना होगा और हर किसी से संपर्क करना होगा और उन्हें अपनी सेवा से हमारे पास लाना होगा। निस्वार्थ सेवा के मामले में हमें दुनिया पर बढ़त हासिल है। यह हमारी परंपरा और मूल्यों में है। इसलिए, आगे बढ़ो और दिलों के अलावा कुछ भी मत जीतो।

हमें साथ आना होगा
तीन दिवसीय सम्मेलन प्रतिनिधियों को दुनिया भर में हिंदुओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। भागवत ने कहा कि हिंदुओं को वसुधैव कुटुंबकम की भावना के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, पूरा विश्व एक परिवार है। उन्होंने कहा, ‘इसे पूरा करने के लिए हमें साथ आना होगा, साथ रहना होगा और साथ मिलकर काम करना होगा। लेकिन हमारे पास सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता होनी चाहिए।’

अगर हम विश्व में शांति और सद्भाव…
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘कुछ महीने पहले, विश्व मुस्लिम परिषद के महासचिव भारत आए थे और वहां अपने भाषणों में उन्होंने कहा था कि अगर हम विश्व में शांति और सद्भाव चाहते हैं, तो भारत के साथ जुड़ना जरूरी है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है। यही कारण है कि हिंदू समाज अस्तित्व में आया।’

राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए- वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन प्रमुख
वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के प्रमुख और वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के चीफ ऑर्गनाइजर स्वामी विज्ञानानंद ने कहा- हमने अयोध्या से प्रसाद बुलवाया है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की प्रतिकृति यहां (बैंकॉक) में तैयार हो रही है। हम अयोध्या से रामलला के जन्मस्थान की फोटो भी लाएंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए।

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