फिर बढ़ सकती है कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप, जाने क्या है कारण

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7मई। देश में बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण अभियान चल रहा है और अब तक करीब 5 करोड लोगों को कोरोनावायरस का टीका लगाया जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक देश में अब तक करीब 1 करोड़ लोगों को कोरोनावायरस वैक्सीन के दो डोज लगाए जा चुके हैं।
अब ऐसी खबरे आ रही है कि केंद्र सरकार ने राज्यों को एक निर्देश दिया है कि कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच 6-8 हफ्ते तक का गैप रखा जा सकता है।
भारत सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज देने के बीच समय के अंतर को बढ़ा दिया गया है। भारत सरकार ने  कहा कि कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के दो डोज लगाने के बीच अंतराल पर नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन और उसके बाद कोविड-19 के वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने दोबारा विचार किया है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को इस बारे में एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एनटीएजीआई और एनईजीवीएसी के सुझावों को मान लिया है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके बाद यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है कि लाभार्थियों को कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज के 4-8 हफ्ते बाद के इस निर्धारित समय अंतराल के बीच लगाई जाए.मौजूदा वक्त में कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज़ के बीच का अंतर 28 दिन का है. अब एक से दूसरी डोज़ के बीच का अंतर एक महीने से बढ़ाकर लगभग दो महीने कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि अगर कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज 6-8 हफ्तों के बीच लगाई जाए तो इसका असर बढ़ जाता है.
स्वास्थ्य सचिव के पत्र में लिखा गया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे प्रोग्राम मैनेजर, वैक्सीनेटर और कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के बीच डोज के संशोधित अंतराल के संदेश को बड़े स्तर पर फैलायें और डोज के बीच अंतराल के इस नए नियम के पालन को सुनिश्चित करें.
जानकारी के मुताबिक अगर भारत में वैक्सीन की डोज के बीच अंतराल बढ़ जाता है, तो यह देश को दो मोर्चों पर मदद करेगा. यह भारत में टीकों की आसमान छूती मांग को कम कर सकता है. देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा सकता है.

दूसरा, यदि दूसरी डोज के लिए लोगों की भीड़ धीमी हो जाती है, तो अधिकारी पहली खुराक के साथ अधिक लाभार्थियों को टीका लगाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक ये लोगों के लिए काफी प्रभावी हो सकता है. उदाहरण के लिए, कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) के हालिया आंकड़ों से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका टीका 60 और उससे अधिक उम्र के लोगों में पहली खुराक के कम से कम दो सप्ताह बाद 86.0% प्रभावी है.

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