भारत में कुल 6 करोड़ 34 लाख एमएसएमई इकाइयाँ हैं लेकिन सरकारी पोर्टल पर सिर्फ़ 66 लाख ही पंजीकृत- मनीष खेमका

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जून। अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के चेयरमैन मनीष खेमका ने कहा कि भारत में कुल 6 करोड़ 34 लाख एमएसएमई इकाइयाँ हैं। जबकि सरकारी पोर्टल पर सिर्फ़ 66 लाख इकाइयां ही पंजीकृत हैं। मतलब यह की देश की साढ़े पाँच करोड़ से ज़्यादा एमएसएमई इकाइयाँ न तो सरकार में पंजीकृत हैं और न ही सरकार की किसी योजनाओं का लाभ ले पा रही हैं। अब यदि व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहे हैं, अपने हित के प्रति जागरूक नहीं हैं तो इसके लिए सरकार को दोषी नहीं ठहरा जा सकता है। उन्होने अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर उद्यमियों का आह्वान करते हुए कहा कि सबसे पहले इन लघु उद्यमियों को केंद्र सरकार की वेबसाइट पर जाकर अपना उद्यम रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए।

इसके लिए आधार, जीएसटी और पैन नम्बर ज़रूरी है। इस रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर-यूआरएन नंबर मिलेगा। यह रजिस्ट्रेशन बिलकुल मुफ़्त है और इसमें किसी भी डॉक्यूमेंट को अपलोड करने की ज़रूरत नहीं है। इसके बाद वे उद्यमी सरकार की सभी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। जिसमें ब्याज पर दो प्रतिशत की सब्सिडी समेत सरकार की अनेक योजनाएं शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर उद्यमी हेल्प लाइन संस्था द्वारा आयोजित वेबिनार के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए खेमका ने कहा कि बैंक क्रेडिट के मामले में बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का डिफॉल्ट रेट क़रीब 19% का है। जबकि माइक्रो एंटरप्राइज़ के मामले में यह डिफॉल्ट रेट सिर्फ़ 9% का है। इस कारण अब प्राइवेट बैंक छोटे कारोबारों को सरकारी बैंकों से भी ज़्यादा लोन दे रहे हैं। वित्त वर्ष 2022 में सरकारी बैंकों ने छोटे कारोबारों को सिर्फ़ 19% लोन दिया है जबकि 70% लोन प्राइवेट बैंकों ने दिया है। इससे अब लोन लेना और भी आसान हो सकता है।

वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं में एमएसएमई विभाग के सेवानिवृत्त डायरेक्टर ए के सिंह, अंतर्राष्ट्रीय बिज़नेस कंसलटेंट चार्टर्ड अकाउंटेंट राजमबल व उद्यमी हेल्पलाइन की सलाहकार दिव्या खंडेलवाल प्रमुख रूप से शामिल थी।

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