समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 मार्च। भारत ने कहा है कि अगले दो से तीन दिन के भीतर 26 विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए उड़ान भरेंगे। सरकार ने कहा है कि कीव में अब कोई भारतीय नहीं है। यूक्रेन के खारकीव में एक भारतीय छात्र की गोलीबारी में मौत हो जाने के बाद फंसे भारतीयों को लाने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया है कि 26 विमानों को उन छात्रों को लाने के लिए भेजा जा रहा है, जो यूक्रेन से सीमा पार कर पड़ोसी देशों में आ गए हैं।
भारत सरकार के मंत्रियों की विशेष बैठक
मंगलवार को भारत सरकार के मंत्रियों की विशेष बैठक हुई जिसमें यूक्रेन संकट पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली इस बैठक के बाद श्रृंगला ने बताया कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत 8 मार्च तक 46 उड़ानें उपलब्ध होंगी। इनमें से 29 बुखारेस्ट से, 10 बुडापेस्ट से, छह पोलैंड के शहर ज्येजो से और एक स्लोवाकिया से उड़ान भरेगी।
भारतीय एयरफोर्स का एक बुखारेस्ट के लिए रवाना
इनके अलावा भारतीय एयरफोर्स का एक विमान बुधवार सुबह बुखारेस्ट के लिए रवाना हो गया। भारतीय दूतावास बंद विदेश सचिव ने कहा कि रूसी सेना की कार्रवाई में संभावित तेजी को देखते हुए कीव का भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया है और कर्मचारी वहां से जा चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब कोई भारतीय यूक्रेन की राजधानी में नहीं है।
कीव से सभी भारतीयों को निकाला जा चुका
उन्होंने कहा, “हमारे पास यह सूचना है कि कीव में अब कोई भारतीय नागरिक नहीं है. किसी ने कीव से हमसे संपर्क नहीं किया है। हमारे पास आ रही सारी पूछताछ अब जाहिर करती हैं कि सभी भारतीय नागरिक कीव से निकल चुके हैं। भारत सरकार ने जब पहली एडवाइजरी जारी की थी, तब अनुमानतः 20 हजार नागरिक यूक्रेन में मौजूद थे।
12 हजार लोग यूक्रेन से निकल चुके
श्रृंगला ने कहा, “तब से लगभग 12 हजार लोग यूक्रेन से निकल चुके हैं, जो कुल संख्या का 60 प्रतिशत है। बाकी 40 प्रतिशत में से करीब आधे उन इलाकों में हैं जहां लड़ाई हो रही है। बाकी आधे या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर पहुंच चुके हैं या फिर आमतौर पर लड़ाई वाले इलाकों से बाहर हैं। विभिन्न देशों से बातचीत श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात की है। उन्होंने बताया, “मैंने अपनी मांग दोहराई कि सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकलने का रास्ता मिलना चाहिए।
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