पिछले 8 वर्षों में महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाली बायोटेक कंपनियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित बायोटेक स्टार्ट-अप एक्सपो में एक सत्र “आगे बढ़ने का रास्ता” को संबोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12जून। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक स्टार्ट-अप्स क्षेत्र में भारत, विशिष्ट महिलाओं से महिलाओं के नेतृत्व वाली परियोजनाओं की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत अगले 4 वर्षों में बायोटेक क्षेत्र को 70 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर से 150 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की ओर देख रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित बायोटेक स्टार्ट-अप्स प्रदर्शनी (एक्सपो) में “75 महिला बायोटेक उद्यमियों का सार-संग्रह” पर आधारित एक पुस्तिका का विमोचन करने के बाद एक सत्र -“आगे बढ़ने का रास्ता” को संबोधित किया। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के पिछले 8 वर्षों में महिला उद्यमी-स्वामित्व वाली बायोटेक कंपनियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है और इसे महिला सशक्तिकरण की जगह महिला के नेतृत्व वाले सशक्तिकरण के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
मंत्री ने आगे कहा कि महिला वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष, परमाणु विज्ञान, ड्रोन और नैनो-प्रौद्योगिकी में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि 2023 में शुरू होने वाले सबसे महत्वाकांक्षी मानव मिशन गगनयान सहित कई बड़ी वैज्ञानिक परियोजनाओं का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के प्रमुख स्तंभों में एक देश में महिला नवोन्मेषकों की सफलता की कहानी है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डीएसटी (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) और डीबीटी (जैव प्रौद्योगिकी विभाग) में महिला वैज्ञानिकों को आकर्षित करने और बेरोजगार महिला वैज्ञानिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं हैं। मंत्री ने कहा कि बाजार की स्थिति, विभिन्न व्यावसायिक अवसरों तक पहुंच और व्यवसाय स्वामित्व की दुनिया में महिला उद्यमियों की छलांग लगाने की तत्परता एक विजयी ट्रिफेक्टा बनाती हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि चूंकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में कार्यभार संभालने के बाद स्टार्ट-अप्स को सहायता और सक्षम वातावरण प्रदान किया गया है, इसके चलते पिछले 8 वर्षों के दौरान देश में बायोटेक स्टार्ट-अप्स की संख्या 50 से बढ़कर 5,000 से अधिक हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि जैव-प्रौद्योगिकी, जैव-अर्थव्यवस्था को संचालित करने वाली प्रमुख सक्षम तकनीक है, जिसे एक उभरता हुआ क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। मंत्री ने आगे बताया कि भारत, बायोटेक के क्षेत्र में पूरे विश्व में 12वां, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीसरा और विश्व का सबसे बड़ा टीका (वैक्सीन) निर्माता देश है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी के लिए एक न्यायपूर्ण और समान भविष्य सुनिश्चित करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका हमेशा से रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस विषय को इस तरह आगे किया गया है, जैसा पहले कभी नहीं किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि अमृतकाल अवधि में इस इकोसिस्टम और नवाचार की संस्कृति के निर्माण व इसकी सहायता करने के लिए छोटे व बड़े उद्योग और शिक्षाविदों को एक साथ आना होगा। मंत्री ने कहा कि हर एक साझेदार इस इकोसिस्टम की सहायता करने के लिए अपनी विशेषज्ञता, संसाधन और संकल्प को लेकर आता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने बायोटेक अनुसंधान में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी बढ़ाने और क्षमता निर्माण के लिए बायोकेयर कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि बायोटेक उद्यमिता में महिलाओं को पुरस्कृत करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने टीआईई, दिल्ली की सहभागिता में विनर अवार्ड (उद्यमी अनुसंधान में महिला) की शुरुआत की है। बीआईआरएसी की यह पहल महिला विशिष्ट बायो-इनक्यूबेटरों के साथ सभी महिला स्टार्ट-अप्स को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने दो पुस्तिका- “आजादी के 75वें वर्ष के दौरान निर्मित 75 बायोटेक उत्पाद” और “75 महिला बायोटेक उद्यमियों का सार-संग्रह” का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि उत्पाद और प्रौद्योगिकियों की अनुकरणीय सूची वाली पुस्तिका “बायोटेक स्टार्ट-अप प्रोडक्ट” विभिन्न हितधारकों को प्रदान किए गए बिना शर्त सहायता और हैंडहोल्डिंग का प्रमाण है, जो आखिरकार नवोन्मेषकों व उद्यमियों के प्रयासों को दृश्य उत्पादों में परिवर्तित करता है।
मंत्री ने पूरे बायोटेक स्टार्टअप समुदाय के किए गए अद्भुत प्रयास के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन स्टार्टअप्स के विकास और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हितधारकों जैसे कि उद्योग, निवेशकों व एजेंसियों, सार्वजनिक खरीद निकायों की है।
डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को बायोटेक स्टार्ट-अप एक्सपो-2022 की अध्यक्षता करने के लिए अपना बहुमूल्य समय देने और हमारे देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की चुनौती अपनाने लिए युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. गोखले ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को उनकी सहायता और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि डीबीटी, इस गति को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए हर तरह के प्रयास को सुनिश्चित करेगा।
बायोटेक स्टार्ट-अप एक्सपो के दूसरे दिन प्रख्यात पैनलिस्टों और कारपोरेट हस्तियों की मौजूदगी में स्टार्टअप पिचिंग सत्र के साथ बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) बैठकें आयोजित की गईं। इस पिचिंग सत्र में विनिर्माता, निवेशक, व्यवसायिक सलाहकार, एबीएलई, सीआईआई, फिक्सी, एफएसआईआई, एआईएमईडी के औद्योगिक प्रतिनिधि, अकादमिक निदेशक व प्रोफेसर और व्यावसायिक सलाहकार (टीआईई) ने हिस्सा लिया।
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