कपास की उत्पादकता में सुधार के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कपास के बीज की आपूर्ति की अति आवश्यकता है: पीयूष गोयल
केंद्रीय वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने काम की प्रगति की समीक्षा के लिए मुंबई में वस्त्र सलाहकार समूह के साथ दूसरी संवादात्मक बैठक की
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 16जुलाई। केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 14.07.2022 को मुंबई में काम की प्रगति की समीक्षा के लिए वस्त्र सलाहकार समूह (टीएजी) के साथ दूसरी संवादात्मक बैठक की।
गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि कपास की उत्पादकता में सुधार के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कपास के बीज की आपूर्ति की अति आवश्यकता है। उन्होंने कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उच्च उपज वाले कपास के बीज से संबंधित उन्नत तकनीक लाने और उच्च घनत्व रोपण प्रणाली जैसे नवीन कृषि विज्ञान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने भारतीय कपास निगम को पूरे भारत में अपनी शाखाओं के नेटवर्क के माध्यम से किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से कृषि विस्तार सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
गोयल चाहते हैं कि उद्योग पूरे मूल्य श्रृंखला में गुणवत्ता जागरूकता पर ध्यान दें। उन्होंने आश्वासन दिया कि आधुनिक सुविधाओं का समर्थन करने की पहल को सुगम बनाया जाएगा। वस्त्र मूल्य श्रृंखला को देश में ट्रैसेबिलिटी प्रौद्योगिकी और परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है।
गोयल ने कपास में दूषण से बचने के लिए रंगीन उर्वरक बैग के उपयोग के तरीकों पर विचार-विमर्श करते हुए टीएजी को लंबे समय से लंबित मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर समाधान के साथ निपटाने का निर्देश दिया, जो खुद को किसी भी लागत में वृद्धि के लिए योगदान नहीं देता है।
गोयल ने एमसीएक्स पर विशिष्ट डिलीवरी आधारित अनुबंध और खुली स्थिति की सीमा की आवश्यकता को संबोधित करते हुए वस्त्र मंत्रालय, वस्त्र आयुक्त, सीसीआई और टीएजी को एमसीएक्स/सेबी के साथ जुड़ने और ‘अनुबंध’ के मोर्चे पर संरचित समाधान खोजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सूती वस्त्र मूल्य श्रृंखला के नुकसान के लिए मूल्य के मोर्चे पर हेरफेर की किसी भी संभावना को समाहित करना होगा।
गोयल ने उद्योग के सुझावों पर वस्त्र आयुक्त को निर्देश दिया कि मूल्य श्रृंखला में आंकड़ों की सटीकता की आवश्यकता के अनुपालन के लिए आंकड़ा संग्रह अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दंडात्मक प्रावधानों को लागू किया जाए। कार्रवाई तुरंत कपास ओटाई खंड के साथ शुरू हो सकती है। उन्होंने वस्त्र आयुक्त को आंकड़ा संग्रह अधिनियम के तहत कपास ओटाई खंड से डेटा संग्रह के लिए सीसीआई कर्मियों की सेवाओं का उपयोग करने का निर्देश दिया।
सूत राष्ट्रीय सूचकांक विकसित करने के सुझावों पर श्री गोयल ने उद्योग के लिए इसकी निष्पक्षता, व्यवहार्यता और विश्वसनीयता की जांच करने का निर्देश दिया। मशीन से कपास संग्रह करने के लिए उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरसीओटी) और दक्षिणी भारत मिल संघ – कपास विकास एवं अनुसंधान संघ (एसआईएमए-सीडीआरए) को एक स्वदेशी, किफायती और कुशल उपकरण के लिए एक समर्पित प्रयास करना चाहिए जो हमारे उपयोगकर्ता किसानों द्वारा मान्य हो।
इस अवसर पर केंद्रीय वस्त्र और रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना वी. जरदोश, वस्त्र सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह, केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण, और वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र के अधिकारी, वस्त्र आयुक्त के कार्यालय और भारतीय कपास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी और हितधारक उपस्थित थे। इस बैठक में प्रमुख संघों और विशेषज्ञों के माध्यम से संपूर्ण वस्त्र मूल्य श्रृंखला को पेश किया गया।
मुंबई में 29.05.2022 को आयोजित अंतिम संवादात्मक बैठक से उभरे बिंदुओं के बाद शुरू की गई कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसके बाद टीएजी के अध्यक्ष और कपास क्षेत्र के प्रसिद्ध अनुभवी हस्ती श्री सुरेश कोटक ने अपनी प्रस्तुति दी। श्री सुरेश कोटक ने आपूर्ति, फसल सुरक्षा और कपास उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में अपनी पहलों के बारे में विस्तार से बताया, जो खेत से फैशन और विदेश तक सूती कपड़ा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं।
इस बैठक का समन्वय वस्त्र आयुक्त और भारतीय कपास निगम लिमिटेड ने संयुक्त रूप से किया।
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