समग्र समाचार सेवा
पटना, 25जनवरी। बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के प्रमुख नेताओं के साथ पटना में बैठक की है तो वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी आरजेडी नेताओं के साथ बैठक की है. इंडिया गठबंधन के सूत्रधार कहे जाने वाले नीतीश कुमार को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है बंगाल में ममता बनर्जी, पंजाब में भगवंत मान के बाद अब बिहार से भी इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है.
आरजेडी और जेडीयू के बीच कथित तनाव की चर्चा तेज है. बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद नीतीश कुमार के सुर बदले नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की तो वहीं परिवारवाद को लेकर बड़ा बयान दिया. सियासी पंडित उनके इस बयान को लालू प्रसाद यादव के परिवार से जोड़ रहे हैं. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बिना नाम लिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. ऐसे में बिहार में महागठबंधन में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं. आपको बताते हैं कि इससे पहले कब-कब नीतीश कुमार ने पाला बदलकर सरकार बनाई है.
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर
नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो 1985 में वे पहली विधायक बने थे और 1989 में पहली बार संसद पहुंचे थे. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में मंत्री पद तक संभाल चुके हैं. बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार 1990 में चर्चा में आए थे जब उन्होंने तत्कालीन जनता दल में लालू प्रसाद को सीएम बनने में सहयोग किया था.
लालू यादव से अलग होकर एनडीए से जुड़े
नीतीश कुमार ने सबसे पहले 1994 में बिहार में जनता दल के लालू के खिलाफ बगावत की थी और फिर जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था. 1995 के चुनाव में उन्होंने वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें अच्छी सफलता नहीं मिली. फिर उन्होंने सीपीआई से गठबंधन तोड़ कर एनडीए से हाथ मिला लिया. 2003 में जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व वाली समता पार्टी और शरद यादव के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) का विलय हो गया था.
2013 में एनडीए और फिर 2017 में महागठबंधन छोड़ा
उन्होंने 2013 में एनडीए से खुद को अलग कर लिया था और बीजेपी के साथ अपने 17 साल पुराने गठबंधन को तोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने 2015 में आरजेडी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर महागठबंधन की सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने. 2017 में तब बिहार के तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो नीतीश कुमार ने महागठबंधन से खुद को अलग करते हुए बीजेपी से हाथ मिला लिया था.
इसके बाद उन्होंने बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की मदद से सरकार बनाई थी. हालांकि, 2022 में एक बार नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया और लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाया. जिसके बाद एक बार फिर से बिहार में जेडीयू, कांग्रेस, आरजेडी के महागठबंधन की सरकार बनी थी.
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