बोहनी भी नहीं हो रही… औरंगजेब की कब्र भरोसे चला रहा है घर, अब ग्राहक को तरस रहे व्यापारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 मार्च।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र के पास छोटे-मोटे व्यापार करने वाले दुकानदार इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पर्यटन और धार्मिक यात्राओं पर निर्भर इन दुकानों की हालत यह हो गई है कि बोहनी तक मुश्किल से हो रही है। दुकानदारों का कहना है कि पहले यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से उनका गुजारा अच्छी तरह हो जाता था, लेकिन अब ग्राहक मिलना दुर्लभ हो गया है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पहले यहां रोज़ाना अच्छी-खासी संख्या में लोग आते थे, जिससे उनकी रोज़ी-रोटी चलती थी। औरंगजेब की कब्र के आसपास छोटे होटल, चाय की दुकानें, फूल-मालाओं की दुकानें और गाइड सेवाएं देने वाले लोग अपना गुजारा कर लेते थे। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग इन दुकानों के पास आकर भी नहीं रुकते।

  • बदलते समय के साथ इस स्थल को देखने वालों की रुचि कम होती जा रही है।
  • कई बार सुरक्षा कारणों से प्रशासन की ओर से प्रतिबंध भी लगा दिया जाता है, जिससे पर्यटकों की संख्या और घट जाती है।
  • इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इतिहास से जुड़े विवादों के कारण कुछ लोगों ने इस जगह आना ही बंद कर दिया है।
  • स्थानीय लोग भी अब इस क्षेत्र में कम ही आते हैं, जिससे बाजार की रौनक खत्म हो रही है।

यहां के दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जाएं, ताकि उनके धंधे दोबारा पटरी पर आ सकें। उनका कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो उन्हें मजबूरन अपनी दुकानें बंद करनी पड़ेंगी।

सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस क्षेत्र की सुध लेने की जरूरत है ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह इलाका पूरी तरह सुनसान हो सकता है, और यहां के व्यापारियों को अपना पुश्तैनी काम छोड़कर दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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