समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22जनवरी।
कृषि कानूनों पर केंद्र और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। आज की बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि हम इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते। वहीं किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव पर कहा कि हमें ये स्वीकार नहीं हैं। हम तीनों कानूनों के वापसी के बिना आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। सरकार और किसानों के बीच अगली वार्ता की तारीख तय नहीं हुई है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है। मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा, अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया। एक अन्य किसान नेता ने कहा, सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है। कृषि मंत्री ने बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया।
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