‘यूपी में इनको 17 सीटें दीं, हमें हरियाणा में एक भी नहीं मिली’ – दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस पर बरसे सपा सांसद रामगोपाल यादव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6 फरवरी।
दिल्ली में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों के बाद देश की विपक्षी राजनीति में हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद रामगोपाल यादव ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश में हमने कांग्रेस को 17 सीटें दीं, लेकिन हरियाणा में हमें एक भी सीट नहीं मिली।”

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली में हुए राज्यसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के रिश्तों में तल्खी बढ़ती दिख रही है।

  • रामगोपाल यादव ने कांग्रेस पर सहयोगी दलों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया।
  • उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने गठबंधन धर्म निभाते हुए कांग्रेस को 17 सीटें दी थीं, लेकिन हरियाणा में जब सपा को सीट देने की बारी आई, तो कांग्रेस ने पूरी तरह से अनदेखी कर दी।
  • यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों को एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना था।

सपा-कांग्रेस गठबंधन में बढ़ती दूरियां?

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, दोनों इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A) के प्रमुख घटक दल हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम से संकेत मिल रहे हैं कि दोनों दलों के बीच आपसी विश्वास में कमी आ रही है

  1. उत्तर प्रदेश में सपा ने किया त्याग – 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 17 सीटें दी थीं, बावजूद इसके कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
  2. हरियाणा में कांग्रेस का रुख – राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस ने सपा को कोई तवज्जो नहीं दी, जिससे अखिलेश यादव की पार्टी नाराज है।
  3. दिल्ली में भी कांग्रेस ने नहीं किया सहयोग – दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का गठबंधन है, लेकिन सपा को इसमें कोई अहमियत नहीं दी गई।

रामगोपाल यादव का कांग्रेस पर तीखा हमला

रामगोपाल यादव ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन धर्म निभाने में विफल रही है

  • उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल अपने फायदे के लिए छोटे दलों का इस्तेमाल करती है
  • उनका कहना था कि अगर कांग्रेस इसी तरह व्यवहार करती रही, तो गठबंधन में शामिल अन्य दल भी भविष्य में उसे समर्थन देने से हिचकिचाएंगे

क्या गठबंधन में दरार आएगी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद के चलते लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खटास बढ़ सकती है

  • अगर कांग्रेस छोटे सहयोगी दलों की उपेक्षा जारी रखती है, तो यह I.N.D.I.A गठबंधन की एकता के लिए बड़ा झटका हो सकता है
  • समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में है, लेकिन अगर वह कांग्रेस के साथ संबंध तोड़ती है, तो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है

निष्कर्ष

रामगोपाल यादव के बयान से यह साफ हो गया है कि सपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक असंतोष बढ़ रहा है। अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के प्रति रवैया नहीं बदला, तो विपक्षी गठबंधन की रणनीति कमजोर हो सकती है। अब देखना यह होगा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई पहल करते हैं या यह दरार और गहरी होती है

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