समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 फरवरी। दोपहिया निर्माण करने वाली कंपनियों और ट्रांसपोटर्स के लिए खुशखबरी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया वाहनों की ढुलाई करने वाले ‘रिजिड’ वाहनों तथा ट्रेलर में अधिकतम तीन डेक तक की अनुमति दे दी है। हालांकि, इसके लिए कुछ दिशानिर्देश भी दिए गए हैं, जिससे मालवाहक वाहनों के चलते रोड़ पर कोई दुर्घटना न हो। आइये जानते हैं इससे क्या होगा फायदा।
मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया संसोधन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 25 फरवरी को अधिसूचना जारी कर केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 में संशोधन करते हुए रिजिड वाहनों और ट्रेलर में दोपहिया वाहनों की ढुलाई के लिए अधिकतम तीन डेक की अनुमति दे दी है।
40-50 फीसदी ज्यादा माल ढुलाई कर सकेंगे ट्रक
सरकार के इस नए नियम से ट्रांसपोटर्स को पहले की तुलना में काफी फायदा मिलने वाला है। अब ट्रांसपोटर्स वही लागत में अधिक दोपहिया की ढुलाई कर सकते हैं। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि इससे ढुलाई क्षमता में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि होगी। हालांकि, ट्रेलर का वाहन ढुलाई वाला हिस्सा चालक के केबिन के ऊपर नहीं होना चाहिए।
अलग से एक और अधिसूचना जारी
अलग से जारी अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा कि नकदी ले जाने वाले वाहन (कैश वैन) भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत (बीआईएस) नियम अधिसूचित होने तक वाहन उद्योग मानक-163:2020 की न्यूनतम अनिवार्यताओं को पूरा करेंगे। इससे कैश वैन के विशेष उद्देश्यीय वाहन के रूप में विनिर्माण, टायर मंजूरी परीक्षण और पंजीकरण में मदद मिलेगी।
ट्रांसपोटर्स की मानो लॉट्री लगने वाली है
आपको जानकारी के लिए बता दें, मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए इस संसोधन से ट्रांसपोटर्स की मानो लॉट्री लगने वाली है। पहले अगर कोई ट्रक या ट्रेलर 3 डेक तक वाहन लादता था तो ये ओवरलोडिंग के अंतर्गत आता था, इस वजह से माल ढोने वाली गाड़ियों में कम कैप्सिटी से साथ लोडिंग की जाती थी।
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