यह पहल डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने, पशुधन तथा पशुधन उद्योग के कल्याण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है: रूपाला
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 जून।केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में नई दवा और टीकाकरण प्रणाली के लिए एनओसी मंजूरी पोर्टल- नंदी की शुरूआत की। इस पोर्टल से, डीएएचडी केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सुगम पोर्टल के साथ बिना किसी रोक-टोक अधिक सुव्यवस्थित तरीके से पशु चिकित्सा उत्पाद प्रस्तावों का मूल्यांकन और जांच करने के लिए पारदर्शिता के साथ नियामक अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाएगा। रूपाला ने पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) के उत्कृष्ट कार्य की सराहना की और इस पहल को डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने और पशुधन तथा पशुधन उद्योग के कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। नंदी पोर्टल की शुरुआत पशु टीकाकरण कवरेज पहल और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के बाद एक और उल्लेखनीय कार्य है। यह पहल व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी शोधकर्ताओं और उद्योगों को मूल्यवान सहायता प्रदान करेगी। पशुपालकों में जागरूकता बढ़ाने और लॉजिस्टिकल सुविधाओं में सुधार से दवाओं की खपत में वृद्धि होगी। केन्द्रीय मंत्री ने एक मजबूत प्रणाली स्थापित करने के लिए कुछ महीनों तक पोर्टल के कार्यों की बारीकी से निगरानी करने के महत्व पर जोर दिया। रूपाला ने नंदी पोर्टल के विकास में सीडीएसी सहित सभी हितधारकों के योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने डिजिटल इंडिया मिशन के साथ तालमेल के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की।
पशु चिकित्सा टीकों का न केवल पशु स्वास्थ्य और उत्पादन पर, बल्कि सुरक्षित खाद्य आपूर्ति बढ़ाने और पशु-से-मानव में संक्रामक रोगों के संचरण को रोकने से मानव स्वास्थ्य पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा है और पड़ रहा है। यह हमारे पूरे इकोसिस्टम का एक हिस्सा है। हमारे पशुधन को स्वस्थ रखना और टीकों तथा दवाओं की नियमित आपूर्ति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
डीएएचडी नियामक अनुमोदन प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जो देश में पशु चिकित्सा दवाओं और टीकों की उपलब्धता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
डीएएचडी पीएसए (भारत सरकार) की अध्यक्षता में पशु स्वास्थ्य के लिए अधिकार प्राप्त समिति (ईसीएएच) जैसी अधिकार प्राप्त समितियों की स्थापना के माध्यम से नियामक प्रक्रिया में सुधार करने की दिशा में काम कर रहा है, जो भारत में लचीली, किसान-केन्द्रित पशु स्वास्थ्य प्रणाली बनाने और भारत के पशुधन क्षेत्र की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए परिवर्तन करने की दिशा में काम कर रही है। ईसीएएच के तहत, नियामक उपसमिति, जिसमें उद्योग और शिक्षा जगत के विभिन्न पशु चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं, का गठन व्यापक रूप से विचार-विमर्श करने, कुशलतापूर्वक कार्रवाई करने और विभाग में पशु चिकित्सा वैक्सीन/जैविक/दवाओं की प्रस्तुति पर सिफारिश/नीति इनपुट प्रदान करने के लक्ष्य के साथ किया गया है।
पशु दवाओं और टीकों की मंजूरी के लिए नियामक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नंदी (नई दवा और टीकाकरण प्रणाली के लिए एनओसी मंजूरी) विभाग ने डिजिटल की भावना को आगे बढ़ाते हुए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ समन्वय करके माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया की भावना के अनुरूप सीडीएसी के जरिये नंदी पोर्टल विकसित किया और आईटी प्रणालियों का लाभ उठाकर न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन का सार ग्रहण किया। नंदी विनियामक प्रक्रिया में तेजी लाने और मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई एक निर्बाध इंटरकनेक्टेड प्रणाली के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों, संस्थानों और उद्योग के बीच त्वरित एवं आसान समन्वय को सक्षम करके विकास और नवाचार लाएगा। पोर्टल में विभागों, समितियों/उपसमिति और आवेदकों के बीच शुरू से अंत तक समन्वय के लिए अंतर्निहित विशेषताएं हैं।
नंदी (नई दवा और टीकाकरण प्रणाली के लिए एनओसी मंजूरी) की शुरुआत के साथ, डीएएचडी अपनी पशु महामारी तैयारी पहल (एपीपीआई) के हिस्से के रूप में निर्धारित हस्तक्षेपों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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