समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24दिसंबर। राजस्थान की नीना गुप्ता ने कमाल कर दिखाया है। बीज गणित की 73 साल पुरानी वो पहेली सुलझा दी है, जिसे हल करने के लिए साल 1949 से सैकड़ों गणितज्ञ प्रयास कर रहे थे। Expand नीना गुप्ता को नारी शक्ति सम्मान से नीना गुप्ता की इस उपलब्धि पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उनका सम्मान किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नीना गुप्ता को नारी शक्ति सम्मान दिया है, जिसमें दो लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र मिला है।
राजस्थान के सिंघाना की बेटी हैं नीना गुप्ता बता दें कि गणितज्ञ श्रेणी में उत्कृष्टता के लिए नारी शक्ति अवार्ड पाने वाली नीना गुप्ता राजस्थान के सिंघाना के सत्यनारायण गुप्ता की बेटी हैं। वर्तमान में आईएसआई कोलकाता में वैज्ञानिक के पद पर सेवाएं दे रही हैं। नीना गुप्ता को रामानुजन अवार्ड भी मीडिया से बातचीत में नीना गुप्ता के चाचा महेश चौधरी ने बताया कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान आईएसआई में प्रोफेसर नीना गुप्ता को जा-रिस्की कैंसिलेशन प्रॉब्लम का हल ढूंढने के लिए प्रतिष्ठित रामानुजन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। यूथ मैथेमेटिशियन 2021 पुरस्कार भी पाया रामानुजम अवॉर्ड पाने वाली नीना गुप्ता देशी की दूसरी और विश्व की तीसरी महिला हैं। नीना ने इससे पहले भी अल्जेब्रिक ज्योमेट्री और कम्यूटेटर अलजेब्रा में काम कर डेवलपिंग कंट्रीज के यूथ मैथेमेटिशियन 2021 पुरस्कार भी प्राप्त किया। गणित से डरे नहीं, प्यार करें-नीना गुप्ता गणितज्ञ मीडिया से बातचीत में नीना गुप्ता ने बताया हर चीज में गणित है। गणित को रोजमर्रा की चीजों से जोड़ लें। फिर गणित से कभी बोर नहीं होंगे। सबसे पहले फॉर्मूला या कांसेप्ट समझें। खूब प्रैक्टिस करें। धीरे धीरे रुचि जागेगी और आपको मैथ्स से प्यार हो जाएगा। नीना गुप्ता ने ऐसे किया हल नीना ने बताया कि उन्होंने 70 साल पुरानी बीज गणित की पहेली सुलझाई है। उसे यूं समझें कि A गुणा X = A गुणा Y है तो अमूमन हम दोनों तरफ से एक को कैंसिल करके X = Y कर देते हैं, लेकिन हर बाद ऐसा नहीं होता। पांच साल लगे पहेली सुलझाने में उदाहरण के लिए अगर ए वैल्यू शून्य हो तो इसका हल शून्य हो जाएगा। दोनों तरफ से शून्य हो जाएगा। दोनों तरफ से शून्य कैंसिल नहीं किया जा सता। बीज गणित की इस पहेली को सुलझाने के लिए 1949 से बहुत से लोग लगे हुए हैं। खुद नीना गुप्ता को यह पहेली सुलझाने के लिए पांच-छह साल लगे हैं।
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