हजारों निर्भीक कश्मीर वासियों ने श्रीनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्साहवर्धक शब्दों से प्रेरित होकर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्भीकता से सामना करते हुए हजारों उत्साही कश्मीर वासियों ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) के बारिश से भीगे मैदान पर 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। कश्मीर वासियों के उत्साह की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “मैंने देखा कि बहुत सी लड़कियां योग मैट से खुद को ढक रही थीं और वे ज़मीन पर ही रहीं। उनका यह निडर उत्साह और योग के प्रति प्रेम प्रशंसनीय है।”
प्रधानमंत्री ने योग और साधना की भूमि जम्मू-कश्मीर में उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में योग के माहौल, ऊर्जा और अनुभव को महसूस किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “आज इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के 50-60 हजार लोगों का योग में भाग लेना अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।” प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि इस वर्ष की थीम, “स्वयं और समाज के लिए योग” है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ाने और सामाजिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करने में योग के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालती है। उन्होंने सभी नागरिकों और विश्व भर में योगाभ्यास करने वालों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) सत्र में भाग लिया, जिसमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में योग के महत्व पर जोर दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था। उन्होंने पिछले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों में उल्लेखनीय उपलब्धियों का भी जिक्र किया, जैसे 2015 में कर्तव्य पथ (जिसे पहले दिल्ली में राजपथ के नाम से जाना जाता था) पर 35,000 लोगों ने योग का अभ्यास किया था, और पिछले साल संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में योग कार्यक्रम में 130 से अधिक देशों ने भाग लिया था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित योग प्रमाणन बोर्ड द्वारा भारत में 100 से अधिक संस्थानों और 10 प्रमुख विदेशी संस्थानों को मान्यता दी गई है।
प्रधानमंत्री की अगुआई में आयोजित इस समारोह में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम के लिए जम्मू-कश्मीर, विशेष रूप से श्रीनगर को चुनने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने केंद्र शासित प्रदेश की विकास यात्रा को एक नया आयाम दिया है।
उपराज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि योग वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का प्रतीक है। उन्होंने इस वर्ष की थीम के महत्व पर जोर दिया, जिसमें व्यक्तियों द्वारा एक-दूसरे की रक्षा और सहायता करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘पुमान् पुमांसं परिपातु विश्वतः’ और ‘व्याशेम देवहितं यदायु:’ का उद्धरण दिया। महर्षि पतंजलि की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने योगाभ्यास में तन और मन की एकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण के वैश्विक प्रभाव का उल्लेख करते हुए अपने वक्तव्य पूरा किया और पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर के प्राचीन गौरव को बहाल करने में प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की।
अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नागरिकों को बधाई दी और श्रीनगर में योग के प्रति उत्साही लोगों को संबोधित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2015 में शुरू की गई योग यात्रा बिना किसी रुकावट के उत्तरोत्तर उत्साह के साथ आगे बढ़ रही है।” उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम, “स्वयं और समाज के लिए योग” योग के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करती है। योग समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में कार्य करता है, जो समुदाय में जीवन शक्ति का संचार करता है। योग न केवल हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण में योगदान देता है, बल्कि यह समाज के भीतर एकता और कल्याण को भी बढ़ावा देता है। इसके अलावा, योग हमारे आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाने में सहायता करता है। मंत्री महोदय ने योग दिवस 2024 पर शुरू की गई नई पहलों के बारे में अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और इसे एक विशिष्ट वैश्विक अवसर बताया। उन्होंने सभी को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया और व्यक्तिगत व सामाजिक लाभों के लिए योग को अपने जीवन में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया।
पूरे देश ने इस वर्ष के समारोह को अपार हर्ष और उत्साह के साथ मनाया। इस वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें “अंतरिक्ष के लिए योग” पहल भी शामिल है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) समर्थन दे रहा है। कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के अभ्यास पर केंद्रित यह कार्यक्रम सभी इसरो केंद्रों और इकाइयों में एक साथ आयोजित किया गया। इसके अतिरिक्त, गगनयान परियोजना में शामिल टीम ने भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।
विश्व भर में विभिन्न दूतावासों और भारतीय मिशनों ने भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया और योग की व्यापक पहुंच पर प्रकाश डाला।
आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में सीसीआरवाईएन को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 में कॉमन योग प्रोटोकॉल का प्रदर्शन करने वाले सबसे अधिक स्वास्थ्य प्रोफेशनलों को शामिल करने के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई है।
दिल्ली में आयुष मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर योग कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनडीएमसी, एएसआई और डीडीए के साथ मिलकर काम किया है। अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए, आयुष मंत्रालय ने ‘माय-गव’ और ‘माय-भारत’ प्लेटफ़ॉर्म पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ साझेदारी में “परिवार के साथ योग” वीडियो प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं और गतिविधियां शुरू की हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विश्व भर के परिवारों को योग के आनंद को प्रदर्शित करने और पारिवारिक बंधनों को मजबूत करने के लिए प्रेरित करना है। इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन 30 जून, 2024 तक किए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने खुद कश्मीरी योग प्रेमियों के साथ सेल्फी ली
अपना संबोधन समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री सीधे मंच से उतरकर बारिश में भीगे योग के प्रति उत्साहित कश्मीर वासियों से मिलने चले गए। अलग-अलग समूहों में उन्होंने युवा लड़के-लड़कियों से बातचीत की और उनका उत्साहवर्धन किया, खुद सेल्फी ली, उनसे बातचीत की – इस तरह युवाओं का दिन सफल हो गया!
एसकेआईसीसी में आज कार्यक्रम की शुरुआत मौसम और उत्साह के मिले-जुले मिजाज के साथ हुई। कार्यक्रम शुरू होने से कुछ क्षण पहले, एसकेआईसीसी मैदान पर बारिश होने लगी, जिससे श्रीनगर के योग उत्साही लोगों का उत्साह ठंडा पड़ गया। भीड़ पीछे नहीं हटी और अपने स्थान पर डटी रही। योग मैट का इस्तेमाल सिर ढकने के लिए किया गया और फर्श पर बिछी लंबी हरी मैट का इस्तेमाल सामूहिक छतरियों के रूप में किया गया।
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