भारत में तीन खांसी की सिरप पर WHO की चेतावनी: बच्चों की मौत के बाद अलर्ट, दवाओं में पाया गया जहरीला रसायन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: भारत में बनी तीन खांसी की सिरप को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गंभीर चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा है कि कोल्ड्रिफ (Coldref), रेस्पिफ्रेश टीआर (Resprefresh TR) और रीलाइफ (Relief) नामक सिरप खराब गुणवत्ता के हैं और इनके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों के राष्ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरणों से आग्रह किया है कि यदि ये उत्पाद उनके क्षेत्र में पाए जाएं, तो तुरंत संगठन को सूचित करें। साथ ही, स्वास्थ्य पेशेवरों को सलाह दी गई है कि वे इन सिरप से जुड़े किसी भी दुष्प्रभाव या प्रतिकूल प्रभाव की रिपोर्ट अपने राष्ट्रीय नियामक निकायों या नेशनल फार्माकोविजिलेंस सेंटर को दें।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत से हड़कंप
डब्ल्यूएचओ की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब मध्य प्रदेश में 22 बच्चों की मौत और राजस्थान में तीन बच्चों की संदिग्ध मौत की रिपोर्ट सामने आई है। बताया जा रहा है कि इन बच्चों ने कोल्ड्रिफ सिरप का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी किडनी फेल हो गई।
संगठन ने सोमवार को जारी अलर्ट में कहा कि भारत में इन सिरप की आपूर्ति श्रृंखला की सख्त निगरानी की जाए और अनौपचारिक बाजारों पर विशेष नजर रखी जाए।
डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मौजूदगी से खतरा
भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने डब्ल्यूएचओ को सूचित किया कि 8 अक्टूबर को जांच के दौरान तीनों सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक जहरीले तत्व की मौजूदगी पाई गई।
यह रसायन इंसानों के लिए अत्यंत विषैला होता है। अलर्ट के अनुसार, इसकी थोड़ी सी मात्रा भी गुर्दे (किडनी) को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है और यह मौत का कारण बन सकती है।
सीडीएससीओ ने बताया कि मृतक बच्चों ने इन्हीं सिरप का सेवन किया था। इसके बाद राज्य सरकारों ने तुरंत इन उत्पादों का उत्पादन और बिक्री रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दवाओं की वापसी और जांच जारी
सरकारी आदेश के बाद अब बाजार से इन सिरप की वापसी प्रक्रिया (recall process) शुरू कर दी गई है। डब्ल्यूएचओ के अलर्ट में बताया गया है कि ये दूषित सिरप श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स और शेप फार्मा नामक कंपनियों द्वारा निर्मित किए गए थे।
हालांकि, सीडीएससीओ ने स्पष्ट किया है कि इन सिरप का भारत से निर्यात नहीं हुआ है, और अब तक किसी अवैध निर्यात के प्रमाण नहीं मिले हैं।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी: सतर्क रहें, जांच करें
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से कहा है कि वे अपने बाजारों में दिसंबर 2024 के बाद बनी इन कंपनियों की दवाओं की जांच करें। संगठन ने कहा कि ये उत्पाद “substandard” (खराब गुणवत्ता वाले) हैं और इनके सेवन से जीवन को गंभीर खतरा हो सकता है।
संभावित दुष्प्रभाव और सलाह
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि इन सिरप के सेवन से पेट दर्द, उल्टी, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, और तेजी से किडनी फेल होने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
संगठन ने जनता से अपील की है —
“यदि आपके पास कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर या रीलाइफ सिरप है, तो उसका उपयोग तुरंत बंद करें।
यदि किसी ने इनका सेवन किया है और असहजता महसूस हो रही है, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें या विष नियंत्रण केंद्र से संपर्क करें।”
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी ने एक बार फिर भारत में दवा निर्माण की गुणवत्ता और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों की मौत के बाद देशभर में फार्मा कंपनियों की जवाबदेही और सरकारी निरीक्षण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो इस तरह की घटनाएँ भारत की वैश्विक दवा साख को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
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