समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 जुलाई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का शुभारंभ आज राजधानी दिल्ली के केशव कुंज स्थित कार्यालय में हुआ। तीन दिवसीय इस बैठक में संगठन के कार्यों की प्रगति से लेकर शताब्दी वर्ष की रूपरेखा तक पर विस्तार से चर्चा होगी। स्वयंसेवकों के लिए यह बैठक नई दिशा तय करने और आगामी योजनाओं पर विचार का महत्वपूर्ण अवसर मानी जा रही है।
शताब्दी वर्ष पर विशेष जोर
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस बार शताब्दी वर्ष बैठक का मुख्य विषय होगा। नागपुर में 2 अक्तूबर को विजयादशमी उत्सव के साथ इसका विधिवत शुभारंभ होगा। इसके बाद पूरे एक वर्ष तक शाखाओं, मंडलों और बस्तियों में विशेष कार्यक्रम चलेंगे। संघ ने इस अवसर पर घर-घर संपर्क अभियान और सामाजिक सद्भाव गोष्ठियों जैसी योजनाओं को भी अंतिम रूप दिया है।
सेवा और प्रशिक्षण पर फोकस
सुनील आंबेकर ने बताया कि मार्च के बाद से देशभर में सौ से अधिक प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए हैं, जिनमें 40 वर्ष से कम और 60 वर्ष तक की आयु के स्वयंसेवकों को सेवा विभाग सहित विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया। पुरी की रथ यात्रा से लेकर अहमदाबाद विमान हादसे तक, हर जगह संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा भाव से कार्य किया है। इस बार पंच परिवर्तन के विचार के तहत सामाजिक समरसता, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली और नागरिक कर्तव्यों के पालन को लेकर भी विशेष पहल की जा रही है।
सरसंघचालक का रहेगा मार्गदर्शन
बैठक में सरसंघचालक और सरकार्यवाह की उपस्थिति में सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी मौजूद रहेंगे। सरसंघचालक के प्रवास और विशेष संवाद कार्यक्रमों को लेकर भी बैठक में योजनाएं तय की जाएंगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में समाज के प्रमुख लोगों के साथ संवाद बैठकों का आयोजन प्रस्तावित है।
युवाओं में बढ़ा आकर्षण
संघ के प्रति युवाओं का रुझान लगातार बढ़ रहा है। आंबेकर ने बताया कि इस साल प्रशिक्षण वर्गों में युवाओं की भागीदारी उत्साहजनक रही है। अप्रैल से जून के बीच 28,571 युवाओं ने ‘ज्वाइन आरएसएस’ के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। संघ इसे समाज के विश्वास और जुड़ाव का प्रमाण मान रहा है।
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