तुर्की में बीते 24 घंटे में भूकंप के तीन शक्तिशाली झटके, अब तक 2,300 से ज्यादा लोगों की मौत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6फरवरी। तुर्की और सीरिया में रविवार रात को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद सोमवार को भी दो जोरदार झटके महसूस किये गए. सोमवार को आए दो झटकों की तीव्रता 7.6 और 6 मापी गई. बीते 24 घंटों में भूकंप के तीन शक्तिशाली झटकों से तुर्की और सीरिया में अब तक 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले रविवार रात को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था.

हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए. इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था. अतमेह कस्बे के चिकित्सक मुहीब कदौर ने फोन पर ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को कहा, ‘हमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है.’

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट किया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम इस आपदा से मिलकर बाहर निकलेंगे.’

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
तुर्की में इस भयावह प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भारत सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत ने सोमवार को कहा कि वह संकट की इस घड़ी में तुर्की की मदद करने के लिए तैयार है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें भूकंप प्रभावित तुर्की जाने के लिए तैयार हैं.

आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं. तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय के समन्वय से राहत सामग्री भेजी जाएगी. विदेश मंत्रालय ने कहा, आज तुर्की में आए भूकंप से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के आलोक में, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की.

यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ और मेडिकल टीमों को तुरंत तुर्की भेजा जाएगा. बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, रक्षा, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. अधिकारियों के अनुसार, तुर्की और सीरिया में दोनों देशों की सीमा के पास आए भीषण भूकंप के बाद 600 से अधिक लोग मारे गए और 3,320 से अधिक अन्य घायल हो गए.

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