’आग से खेलने की तेरी हसरत से कौन नहीं वाकिफ था
यही वजह थी तुम जिधर चले समंदर तेरे साथ चला’
2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए भाजपा ने अभी से कमर कस ली है, इन कयासों को भी लगातार पंख लग रहे हैं कि ’ये चुनाव समय पूर्व होंगे, राज्यों के चुनाव के साथ।’ फील्ड सर्वे और काफी गहन मंथन के बाद भाजपा रणनीतिकार दो सूचियों को अंतिम रूप देने में कामयाब रहे हैं। पहली लिस्ट में उन सीटों को चिन्हित किया गया है जहां भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है। इसी लिस्ट में वैसी लोकसभा सीटों की भी शिनाख्त हुई है जहां जीत-हार का चांस फिफ्टी-फिफ्टी है। दूसरी लिस्ट में उन लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है जहां संघ और कैडर की मदद से कमल की सेहत तो दुरूस्त है, पर वहां के भाजपा सांसद का रिकार्ड अच्छा नहीं है, उनकी रेपुटेशन खराब है और वे क्षेत्र के लोगों में भी अलोकप्रिय हैं। पहली लिस्ट में 109 सीटों को शुमार किया गया है, जहां भाजपा की जीत मुश्किल है, पर संघ और पार्टी वहां अभी से जमीन से जुड़ कर काम कर रहे हैं। दूसरी सूची में 26 सीटें ऐसी है जहां महज़ निवर्तमान सांसद की वजह से पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है। इसी सर्वे के आधार पर भाजपा ने अपने सीटिंग सांसदों की 1 से 10 की तालिका में रैंकिंग की है। मौजूदा 42 भगवा सांसद ऐसे हैं जिन्हें 8 अंक से ऊपर मिले हैं, इन्हें ‘एक्सीलेंट’ की कैटेगरी में रखा गया है। 13 सांसद ऐसे भी हैं जो अपने लिए बमुश्किल दो अंक जुटा पाए हैं। पर हैरानी की बात देखिए झारखंड के एक बड़बोले सांसद को महज़ 0.9 अंक मिले हैं, झाबुआ के एक सांसद इस तालिका में सबसे नीचे बताए जा रहे हैं, सूत्र बताते हैं कि उन्हें सबसे कम 0.6 अंक मिले हैं। इस सर्वे के नतीजों से साफ हो गया है कि ’आने वाले आम चुनाव में 125 से लेकर 145 मौजूदा भाजपा सांसदों के टिकट कट सकते हैं।’
22 फरवरी से पहले हो सकता है केंद्रीय मंत्रिमंडल का फेरबदल
मोदी मंत्रिमंडल का यह संभवतः आखिरी फेरबदल होगा। सूत्र बताते हैं कि भाजपा शीर्ष ने उस लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया है कि ’किन मंत्रियों की छुट्टी होनी है और कौन-कौन नए चेहरे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने हैं।’ माना जा रहा है कि 22 फरवरी को आहूत कैबिनेट की बैठक में कई नए चेहरों के दीदार हो सकते हैं। तमाम मंत्रियों को इस बाबत इत्तला दी जा चुकी है कि 22 की कैबिनेट बैठक क्यों इतनी महत्वपूर्ण है, मंत्रियों से 22 को दिल्ली में ही बने रहने को कहा गया है। यहां तक कि मोदी सरकार के नंबर दो चेहरे अमित शाह ने भी 22 फरवरी का अपना पटना का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री को उक्त रोज पटना के बापू सभागार में उपस्थित रहना था, इस कार्यक्रम के लिए शाह ने काफी पहले ही अपनी मंजूरी दे दी थी। ‘स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह’ का आयोजन किसान मजदूर समागम कर रहा है। सूत्र बताते हैं चूंकि केंद्रीय गृह मंत्री ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, सो उनके कहने पर अब इस कार्यक्रम को 25 फरवरी के लिए खिसका दिया गया है। इस कार्यक्रम में शाह बिहार के किसानों को संबोधित करते हुए 2024 के आम चुनाव की अलख जगा सकते हैं।
’द इंडियन मेट्रोपोलिस’ : वरुण की नई किताब
गांधी परिवार के एक देदीप्यमान चिराग वरुण गांधी के बड़े भाई राहुल जब 3,600 किलोमीटर पैदल चल कर भारत जोड़ने का यत्न कर रहे थे, तो स्वभाव से कवि और रुचि से अध्येता वरुण नगरीकरण पर अपनी महत्वाकांक्षी पुस्तक ’द इंडियन मेट्रोपोलिस’ की प्रस्तुति को अंतिम रूप देने में जुटे थे। 824 पृष्ठों वाली इस भीमकाय पुस्तक ने आते ही मार्केट में धूम मचा दी और अपने पूर्ववर्ती प्रकाशनों की तरह धूम-धड़ाके के साथ ’बेस्ट सेलर’ श्रेणी में शुमार हो गई। 1,500 रुपए वाली इस पुस्तक को प्रकाशित करने वाले रूपा पब्लिकेशंस का दावा है कि ’इस किताब ने मार्केट में आते ही बिक्री के तमाम रिकार्ड तोड़ डाले। पहले दो दिन में ही इस पुस्तक की सात हजार से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी है।’ प्रकाशक का दावा है कि ’उनका पहला प्रिंट रन ही एक लाख प्रतियों का है।’ प्रकाशक का यह भी कहना है कि ’वे बिक्री के इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेंगे क्योंकि इस पुस्तक ने आते ही एक बड़ा ‘हाईप’ बना लिया है।’ वरुण ने अपनी इस महत्वाकांक्षी पुस्तक में नगरीकरण के विभिन्न प्रारूपों और उनकी चुनौतियों का बेहद विस्तार से जिक्र किया है। आठ अध्यायों में समाहित इस अनुसंधानकारी पुस्तक में वाटर और सैनिटेशन, शहर में अपराध, स्वास्थ्य व्यवस्था, शहरी परिवहन, शहरी बेरोजगारी, सबके लिए सुगम घर जैसे जरूरी मुद्दों की गहन पड़ताल की गयी है।
एक महिला सांसद का जलवा
दिल्ली के सियासी गलियारों में ऊंची रसूख रखने वाली उस महिला सांसद के हर तरफ चर्चे हैं, जिन्होंने दिल्ली भाजपा के उन तमाम नेताओं के मनुहारों की छुट्टी कर दी और एनडीएमसी में अपने वर्चस्व की पताका लहरा दी है। एनडीएमसी ने कई वर्ष बेहद मामूली लीज गारंटी पर नई दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस के सामने अपनी जमीन पर चार रेस्तरां चलाने की इजाजत दी थी। कुछ समय की मांग और कुछ इन रेस्तरां मालिकों की किस्मत रंग लाई कि इन दिनों इन रेस्तरां के यूथ में काफी क्रेज बढ़ गया और हर शाम यहां युवाओं की भारी भीड़ जुटने लगी, कहना न होगा कि इससे रेस्तरां मालिकों की चांदी हो गई। इस सांसद महोदया का कहना है कि ’ये रेस्तरां मालिक भरपूर मुनाफा पीट रहे थे, पर लीज गारंटी के नाम पर एनडीएमसी को बेहद मामूली रकम अदा कर रहे थे, क्योंकि इन्हें दिल्ली भाजपा के चंद बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है।’ वहीं विरोधी खेमे का कहना है कि ’सांसद महोदया ने आनन-फानन में इन चारों रेस्तरां के लाईसेंस सिर्फ इसीलिए रद्द करा दिए कि उन्हें अपनी पसंद के कुछ रेस्तरां वालों को उपकृत करना था।’ इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि अब भाजपा शीर्ष को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।
संघ की प्रतिनिधि सभा हरियाणा में
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा 12 से 14 मार्च के बीच हरियाणा के सोनीपत जिले के समालखा में आहूत है। जिसमें संघ के तमाम आनुषांगिक संगठनों से जुड़े लगभग 2 हजार महत्वपूर्ण प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस बैठक को इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि ’अभी पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इसके बाद छह अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2024 का आम चुनाव भी अब बस दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।’ संघ प्रमुख मोहन भागवत पिछले कई बार से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघ की मान्य और पारंपरिक विचारधारा से हट कर बयान दे रहे हैं, इस सापेक्ष में 14 मार्च को संघ पदाधिकारियों का उनका संबोधन भी बेहद अहम माना जा रहा है।
कार्ड बंटे ढाई हजार, लोग पहुंचे दस हजार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के छोटे पुत्र हरीश नड्डा का आशीर्वाद समारोह इस 5 फरवरी को नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम स्थित भीष्म पितामह मैदान में आहूत था। जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री गण, भगवा सांसद और विधायकों की उपस्थिति दर्ज हुई। कहते हैं भाजपाध्यक्ष ने अपने पुत्र के इस रिसेप्शन समारोह के लिए ढाई हजार के आसपास हाईटेक निमंत्रण कार्ड बांटे थे, पर भाजपा वालों का हुजूम इस कदर उमड़ा कि मेहमानों की संख्या दस हजार पार कर गई। जबकि आयोजकों को उम्मीद थी कि 3,500 तक मेहमान जुट सकते हैं। भाजपा शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्रियों के अलावा भाजपाध्यक्ष ने तीन गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया था। जिसमें से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग को समारोह में देखा गया। पर तीसरे आमंत्रित आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी नहीं आए, इसकी वजह बताई गई कि ’रेड्डी के ऑफिस से आमंत्रण कार्ड कहीं गुम हो गया।’ माना जाता है कि उन्होंने बाद में फोन कर वर-वधु को अपना आशीर्वाद दे दिया। सनद रहे कि नड्डा जी के छोटे सुपुत्र हरीश का विवाह जयपुर के एक होटल व्यवसायी रमाकांत शर्मा की पुत्री रिद्धी के साथ 25 जनवरी को जयपुर में संपन्न हुआ था। इस रिसेप्शन समारोह में चर्चा का विषय वह ‘एआई सिस्टम’ था जो उपस्थित मेहमानों की शिनाख्त कर उनकी तस्वीर उनके मेल आईडी पर भेजने की दक्षता रखता था, एक सप्ताह के अंदर तमाम मेहमानों को समारोह की उनकी तस्वीर उनके मेल बॉक्स में मिल जानी है।
…और अंत में
भारत जोड़ो यात्रा के प्रथम चरण की समाप्ति के बाद प्रियंका गांधी ने ’हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ के तहत 24 महिला केंद्रित कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार की थी। यह अभियान आधी आबादी यानी महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित था। पर राहुल गांधी का ऑफिस चाहता था कि ’ऐसे कार्यक्रमों में जहां दस हजार से ज्यादा की भीड़ जुट सकती है, वहां राहुल को बुलाया जाए अन्यथा प्रियंका अपना कार्यक्रम बकायदा जारी रख सकती हैं।’ पर कोई तो वजह होगी कि इस कार्यक्रम की तारीखों को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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