टीआईएमएम का फोकस अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करने; उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ावा देने तथा सभी के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को प्रेरित करने पर है: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जयपुर में जी 20 व्यापार और निवेश मंत्रालयी बैठक के उद्घाटन सत्र को किया संबोधित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24अगस्त। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जी 20 व्यापार और निवेश मंत्रालयी बैठक (टीआईएमएम) का फोकस अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करने; उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ावा देने और सभी के लिए आर्थिक विकास एवं समृद्धि को प्रोत्साहित करने में मदद करना है। आज राजस्थान के जयपुर में टीआईएमएम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने जी 20 और अन्य आमंत्रित देशों के मंत्रियों को ठोस, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख परिणाम अर्जित करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पीयूष गोयल ने कहा कि टीआईएमएम बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, समावेशी व्यापार और व्यापार एवं व्यवसाय में सुगमता से संबंधित मुद्दों पर साझा परिणाम तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करती है। उन्होंने कहा कि भारत की जी 20 अध्यक्षता के तहत आयोजित चार व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) बैठकों में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया है। पीयूष गोयल ने कहा कि इन बैठकों का उद्देश्य निष्पक्ष, समावेशी और टिकाऊ व्यापार संबंधी निवेश नीतियां तैयार करना है।
पीयूष गोयल ने उल्लेख किया कि टीआईएमएम में (क) वैश्विक विकास और समृद्धि के लिए बहुपक्षीय व्यापार; (ख) समावेशी और लचीला व्यापार और (ग) कागज रहित व्यापार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा बहुराष्ट्रीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इन सत्रों से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आएंगे।
पीयूष गोयल ने रेखांकित किया कि टीआईडब्लयूजी बैठकों के दौरान पांच प्राथमिकता वाले मुद्दों अर्थात् (क) विकास और समृद्धि के लिए व्यापार, (ख) लचीला व्यापार और जीवीसी, (ख) विश्व व्यापार में एमएसएमई को एकीकृत करना, (ग) व्यापार के लिए लॉजिस्टिक्स और (घ) डब्ल्यूटीओ सुधार पर जी 20 सदस्य/आमंत्रित देशों के बीच व्यापक स्तर पर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि आज के परस्पर एक-दूसरे से जुड़े विश्व में, वैश्विक मूल्य श्रृंखला की अवधारणा ने राष्ट्रों के व्यापार और निवेश में शामिल होने के तरीकों में बड़ा बदलाव ला दिया है। पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी और दूसरी बड़ी घटनाओं ने वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया है और हमें समावेशी और टिकाऊ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के महत्व की अनुभूति कराई है।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ने अपनी जी 20 अध्यक्षता के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया है और उन्हें निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई नवोन्मेषण को बढ़ावा देने वाली, रोजगार का सृजन करने वाली और समग्र आर्थिक विकास में उल्लेखनीय रूप से योगदान देने वाली अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ है। पीयूष गोयल ने कहा कि विकास की नई संभावनाओं की तलाश के लिए वैश्विक व्यापार में एमएसएमई के लिए समान पहुंच और भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) में एमएसएमई के सफल समेकन और इसके लाभों का उदाहरण भी दिया।
पीयूष गोयल ने कहा कि समावेशी विकास को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता हमारी पारंपरिक प्रणालियों की सीमाओं से आगे तक विस्तारित है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुचारू लॉजिस्टिक्स के महत्व को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पार कारोबार को सुव्यवस्थित करने, प्रशासनिक विलंब में कमी लाने और व्यापार प्रचालनों की गति बढ़ाने की दिशा में कागजरहित व्यापार एक महत्वपूर्ण कदम है। पीयूष गोयल ने परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए जीआईएस डेटा की परतों का उपयोग करके बुनियादी ढांचे के विकास और लॉजिस्टिक्स दक्षता के लिए पीएम गतिशक्ति पहल का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधारों के साथ अधिक गतिशील और समावेशी व्यापार माहौल का होना आवश्यक है।पीयूष गोयल ने कहा कि इन सुधारों को अनिवार्य रूप से उभरते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को प्रतिबिंबित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत व्यापार और निवेश के क्षेत्र में विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) को नेतृत्व प्रदान कर सकता है और विश्व अर्थव्यवस्था को और अधिक समावेशी बनाकर समेकित कर सकता है। पीयूष गोयल ने कहा कि सहयोग और आपसी समझ की भावना जी 20 को परिभाषित करती है जिसके निर्णय अर्थव्यवस्थाओं की राहों, लोगों की आजीविका और विश्व के भविष्य को आकार देते हैं।
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