समग्र समाचार सेवा
इस्लामाबाद, 13 अक्टूबर: पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ताओं के मार्च को रोकने की कोशिश के दौरान इस्लामाबाद और लाहौर में हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस और रेंजर्स ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, लाठियां और गोलियां चलाईं। इस दौरान लाहौर में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और करीब 10 लोगों की मौत की खबर है।
इस्लामाबाद में TLP नेता अमेरिकी दूतावास के पास फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन की योजना बना रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने के लिए तैनाती बढ़ा दी। अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और प्रदर्शनकारियों से दूर रहने की चेतावनी जारी की।
अमेरिकी दूतावास के आसपास कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त
इस्लामाबाद के रेड जोन में हजारों सुरक्षाकर्मी बैरिकेड्स लगाकर तैनात किए गए हैं। अमेरिकी दूतावास के आस-पास का क्षेत्र अब अभेद्य किला बन चुका है। प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं, ताकि प्रदर्शनकारियों का समन्वय बाधित किया जा सके।
TLP प्रमुख की गिरफ्तारी और प्रदर्शन की वजह
पंजाब पुलिस ने बीते गुरुवार TLP प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप लेने लगे। TLP ने इस गिरफ्तारी को अपने समर्थन और विरोध का कारण बताया।
सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में स्थानीय नागरिक भी प्रभावित हुए हैं। कई मार्ग बंद कर दिए गए और नागरिकों से आवागमन में सावधानी बरतने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरपंथी संगठनों के प्रदर्शन अक्सर सुरक्षा और राजनीतिक अस्थिरता का कारण बनते हैं। अमेरिकी दूतावास के पास TLP का प्रदर्शन सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बन गया है।
स्थिति पर नजर और आगे की संभावनाएं
हाल के दिनों में पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और TLP के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। सरकार ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए तैनाती और कड़े सुरक्षा उपाय जारी रहेंगे।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि TLP प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अमेरिकी दूतावास के आसपास कड़ी सुरक्षा से अगले कुछ दिनों में तनावपूर्ण स्थिति बनी रह सकती है।
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