आपदा में भी साथ: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावित राज्यों को दी 1280.35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अप्रैल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के साथ मजबूती से खड़ी है। आपदा प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर स्पष्ट करते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 में विभिन्न आपदाओं से प्रभावित राज्यों को 1280.35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मंजूर की है।
यह निर्णय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति (HLC) की बैठक में लिया गया। समिति ने बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी को यह सहायता राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) से प्रदान करने की सिफारिश की।
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बिहार: ₹588.73 करोड़ (बाढ़, आकस्मिक बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित)
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हिमाचल प्रदेश: ₹136.22 करोड़ (बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित)
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तमिलनाडु: ₹522.34 करोड़ (चक्रवाती तूफान और बाढ़ से प्रभावित)
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पुडुचेरी: ₹33.06 करोड़ (चक्रवात से प्रभावित)
यह सहायता राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) की उपलब्ध प्रारंभिक शेष राशि के 50% के समायोजन के अधीन है और राज्यों के मौजूदा फंड से अतिरिक्त है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान SDRF के तहत 28 राज्यों को 20,264.40 करोड़ रुपये और NDRF के तहत 19 राज्यों को 5,160.76 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा:
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राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF): ₹4984.25 करोड़ (19 राज्यों को)
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राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF): ₹719.72 करोड़ (8 राज्यों को)
प्रभावित राज्यों से औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किए बिना ही केंद्र सरकार ने अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (IMCTs) को आपदा स्थल पर भेजकर हालात का जायजा लिया और तत्काल सहायता की प्रक्रिया आरंभ की। यह सरकार की उस नीति का परिचायक है, जिसमें राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाती है, न कि प्रक्रिया में विलंब।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार बार-बार यह साबित कर चुकी है कि संकट की घड़ी में राज्यों के साथ खड़ा रहना सिर्फ एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य है। यह सहायता केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि एक सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील शासन की अभिव्यक्ति है।
प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध भारत की यह सामूहिक लड़ाई, केंद्र और राज्यों की सहभागिता से ही संभव हो पाई है। और इस लड़ाई में केंद्र सरकार का यह सहयोग न केवल राहत लाएगा, बल्कि पुनर्निर्माण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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