महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश आने वाली यात्री बसों का आवागमन 20 मार्च से बंद- सीएम शिवराज सिंह चौहान

होली के त्यौहार पर अपने पैतृक गांव लौटने वाले मजदूरों को मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के तहत दिया जाए रोजगार

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 19 मार्च।

प्रदेश में COVID19 की स्थिति पर वी.सी. के माध्यम से समस्त कमिश्नर्स, कलेक्टर्स व मेडिकल कॉलेज के डीन आदि से चर्चा की। कोरोना संक्रमण पुन: तेजी से फैल रहा है, इस पर नियंत्रण आवश्यक है, लेकिन इसके लिए आर्थिक गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई जा सकती। व्यापार और रोजगार में कोरोना से बचाव की सावधानियों का कड़ाई से पालन करें, नहीं तो सरकार कड़ाई करेगी। यह प्रदेश में गुड गवर्नेंस की पुन: परीक्षा है। बिना पैनिक हुए, हमें कोरोना को परास्त करना है।

VC on the status of COVID19 in the state Through all the Commissioners, Collectors and discussed with the Dean of Medical College etc. Corona infection is rapidly spreading again, control is necessary, but economic activities cannot be stopped for this. Strictly follow the precautions to avoid corona in trade and employment, otherwise the government will act sternly.ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित जिलों उज्जैन, सागर, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम और‍ छिंदवाड़ा में भी रात्रि 10 बजे से प्रात: 06 बजे तक व्यावसायिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद रखने के निर्देश दिये हैं। महाराष्ट्र में बनी कोरोना की विस्फोटक स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र से आने-जाने वाली यात्री बसों के आवागमन पर 20 मार्च से रोक लगाई जायेंगी।

कोविड19 से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों के लिए अभियान में जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, धर्म गुरूओं का सहयोग लें और जन-जन को मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। होली त्योहार के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक साथी अपने पैतृक ग्रामों और नगरों में लौटेंगे।
मनरेगा तथा अन्य योजनाओं में ग्रामों में पर्याप्त रोजगार के अवसर सृजित किये जायें, ताकि श्रमिक भाई संक्रमण प्रभावित शहरों की ओर जाने के लिए मजबूर न हों।

कोरोना से प्रभावित व्यक्तियों के इलाज की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। होम आइसोलेशन में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उनको पर्याप्त इलाज, सुझाव देने और सतर्क निगरानी की व्यवस्था की जाये। छोटे घरों में जहां आइसोलेशन संभव नहीं हैं, वहाँ शासकीय अस्पतालों में पृथक वार्ड बनाकर आइसोलेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। निजी अस्पतालों के लिए जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए तथा संबंधित विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली न करें।

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