रेल दुर्घटनाओ पर राजनीति:विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने
एनडीए सरकार का दावा:पिछले 10 वर्षो में तुलनात्मक तौर पर दुर्घटनाएं कम हुयी
कुमार राकेश
नई दिल्ली .18 जून.पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास हुई रेल दुर्घटना के बाद से विपक्षी दल और सत्ता पक्ष आमने सामने हैं.हलांकि विपक्षी दलों पर ऐसे अतिसंवेदनशील मसलो पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.क्योकि कोई भी सरकार जानबूझकर किसी भी दुर्घटनाओ को अंजाम नहीं देती.ये एक ऐसी गलती है जिसपर लोकहित में सभी दलों को एकजुट होकर एक ठोस समाधान पर चिन्तन-मनन करना चाहिए.
जहाँ तक रेल दुर्घटनाओ की बात हैं उसे व्यवस्था को अभी बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण की आवश्यकता हैं.मौजूदा प्रधनामंत्री मोदी की एनडीए सरकार उस नीति पर काम भी कर रही हैं .
अभी हाल में पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी थी जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।विपक्षी दल अपनी संवेदनाओ के बजाय उलटे मोदी सरकार को दोषी बता रहे हैं.
विपक्षी दलों का दावा हैं कि मौजूदा सरकार में रेल दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि, रेल मंत्रालय के सूत्रों ने विपक्ष के दावों को गलत बताया है।
रेल दुर्घटनाएँ -एनडीए बनाम यूपीए(अब इंडी गठबंधन) सरकार
रेल मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि मोदी सरकार में रेल दुर्घटनाएं कांग्रेस गठबंधन की सरकार के मुकाबले कम हो रही है। आंकड़ो के अनुसार- कांग्रेस गठबंधन की सरकार में 2004-14 के दौरान परिणामी ट्रेन दुर्घटनाओं की औसत संख्या 171 प्रति वर्ष थी। वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार में 2014-23 के दौरान परिणामी ट्रेन दुर्घटनाओं की औसत संख्या घटकर 71 प्रति वर्ष हो गई है।ये भी एक रिकॉर्ड हैं .मौजूदा सरकार रेल दुर्घटनाओ के रोकथाम के लिए कई नए उपायों पर बल दिया हैं
कम हो रही रेल दुर्घटनाएं की वजह
रेल मंत्रालय का दावा है इसके पीछे रेलवे का कुशल प्रबंधन और कई प्रकार के अत्याधुनिक उपाय हैं जिससे ऐसे हादसों में कमी आयी है। मंत्रालय का दावा है कि करीब 45,000 करोड़ की राशि मानवीय विफलता के कारण होने वाली दुर्घटना को खत्म करने के लिए अब तक खर्च किए जा चुके हैं।
आंकड़ों के अनुसार-अक्टूबर 2023 तक 6498 स्टेशनों पर पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के साथ इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए हैं। इसके साथ एलसी गेटों पर सुरक्षा बढाया गया है,उसके तहत 31 अक्टूबर 2023 तक 11 हजार 137 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर लेवल क्रॉसिंग (एलसी) गेटों की इंटरलॉकिंग प्रदान की गई है।
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