जनजातीय स्वास्थ्य पीएम जनमन के अंतर्गत ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक : अर्जुन मुंडा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20दिसंबर। केन्द्रीय जनजातीय कार्य और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज – किसी को नहीं छोड़ने’ की कल्पना के बारे में आज नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत की। बातचीत में सबसे गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के स्वास्थ्य लाभों पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया। ब्रीफिंग केंद्रीय राज्य मंत्री (कृषि एवं किसान कल्याण) श्रीमती शोभा करंदलाजे, लोकसभा सांसद श्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और राज्यसभा सांसद श्रीमती इंदुबाला गोस्वामी.की उपस्थिति में आयोजित की गई।

मुंडा ने बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितम्बर, 2018 को रांची, झारखंड में शुरू की गई थी और यह देश के सबसे गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान कर रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी सहायता प्राप्त स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है जिसने 55 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लक्षित कर रखा है, जिसका लक्ष्य प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करना है।

मंत्री ने 1 जुलाई 2023 को राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया (एससीए) उन्मूलन कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। इसका उद्देश्य विशेष रूप से देश की आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना है। देश। श्री मुंडा ने बताया कि मिशन का लक्ष्य एससीए के लिए 8 करोड़ से अधिक आदिवासियों की स्क्रीनिंग करना है, जिनमें से 90 लाख से अधिक लोगों का डेटा पहले ही एकत्र किया जा चुका है।

मुंडा ने आदिवासी क्षेत्रों में 360-डिग्री विकास लाने के लिए सरकार की एक विशाल पहल, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के बारे में भी जानकारी दी। पीएम जनमन मिशन का लक्ष्य 75 विशेष रूप से कमजोर ऐसे जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) का विकास करना है, जो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं से छूट गए हैं। इस मिशन का वित्तीय परिव्यय लगभग रु. 24,000 करोड़ रुपये है और यह 9 प्रमुख मंत्रालयों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करता है। मंत्री ने बताया कि जनजातीय स्वास्थ्य पीएम जनमन के तहत ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जनजातीय मामलों का मंत्रालय प्रमुख और तालमेल करने वाला मंत्रालय होगा, जबकि अन्य 8 क्षेत्रीय मंत्रालय और विभाग उनसे संबंधित कार्यों को लागू करेंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि अब विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से, सरकारी कार्यक्रमों की 100 प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित करना है, जिससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाले आदिवासियों सहित लोगों को सीधे लाभ मिलता है।

मंत्री ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने पिछले 70 वर्षों की तुलना में पिछले 9 वर्षों में अधिक उपलब्धियां हासिल की हैं और समग्र स्वास्थ्य सेवा को इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा गया है। स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिशन के तहत आयुष्मान भारत योजना जिला स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार कर रही है। देश में केवल 8 एम्स थे लेकिन अब यह संख्या 23 हो गई है, जिनमें से 20 पूरी तरह से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि जांच सुविधाएं दी गई हैं और 1.6 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए जा रहे हैं। श्री मुंडा ने कहा कि एक स्वस्थ भारत बनाने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति, एक स्वस्थ परिवार और एक स्वस्थ समाज आवश्यक है।

देश में पिछले कुछ वर्षों में —
प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए 1,63,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले गए, यानी प्रत्येक 10,000 से कम आबादी पर एक केन्द्र उपलब्ध है।
प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने के लक्ष्य से पिछले 9 वर्षों में इनकी संख्या 350 से बढ़ाकर 700 से अधिक कर दी गई है।
पिछले 9 वर्षों में एमबीबीएस सीटों की संख्या 52,000 से बढ़ाकर 1,80,000 से अधिक कर दी गई है।
साथ ही, पीजी सीटों की संख्या 31,185 (2014 में) से बढ़ाकर वर्तमान में 70,674 कर दी गई है।
पिछले 9 वर्षों में देश में 10,000 से ज्यादा जन औषधि स्टोर खोले गए और अब इनकी संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 से ज्यादा की जा रही है। सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जो कभी गरीब लोगों की पहुंच से बाहर थीं। जन औषधि योजना से देश के गरीबों ने अब तक 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है।
हार्ट स्टेंट की कीमत 1.25 लाख रुपये (2017) से घटाकर 38,000 रुपये कर दी गई है और घुटने के प्रत्यारोपण की कीमत में भी भारी कमी की गई है।
2014 से पहले देश में सिर्फ 8 एम्स थे, आज इनकी संख्या बढ़कर 23 हो गई है।
देश के 5,000 ब्लड बैंकों को एक साथ जोड़कर नेशनल पोर्टल पर एक ग्रिड बनाया गया है, ताकि लोग पारदर्शी तरीके से जान सकें कि किस ब्लड बैंक में किस ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है।

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