जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश भर में मनाया गया जन जातीय गौरव दिवस
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने संसद भवन में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17नवंबर। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में 15 नवंबर 2023 को जन जातीय गौरव दिवस मनाया गया। यह दिन बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों को भी समर्पित है, ताकि भावी पीढ़ियां देश की खातिर उनके बलिदान के बारे में जान सकें।
जनजातीय गौरव दिवस समारोह का नेतृत्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी; उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में 6 मुख्यमंत्रियों, 22 राज्यपालों, केंद्र सरकार के 7 मंत्रियों और कई सांसदों, राज्य सरकारों के मंत्रियों और विधायकों ने झारखंड के खूंटी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में आभासी रूप से भाग लिया। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर देश भर में जनजातीय अनुसंधान संस्थानों, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों, उत्कृष्टता केंद्रों, केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य जनजातीय कल्याण विभागों और अन्य भागीदार संगठनों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए।
इसके अलावा इसी समय राष्ट्रव्यापी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ भी किया गया। प्रधानमंत्री ने झारखंड के खूंटी में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के शुभारंभ के अवसर पर आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले 68 जिलों की ग्राम पंचायतों से शुरू हुई और आगे चलकर यह देश भर की सभी ग्राम पंचायतों को कवर करेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के लाभ सभी लक्षित लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना सुनिश्चित करते हुए परिपूर्णता हासिल करना है। जनजातीय क्षेत्रों में 5 क्षेत्रों- सिकल सेल परीक्षण, जागरूकता और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व छात्रवृत्ति योजनाओं में नामांकन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वन अधिकार स्वामित्व कवरेज के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आजीविका भी सुनिश्चित की जाएगी और वन धन विकास केंद्र स्वयं सहायता समूहों पर ध्यान दिया जा रहा है। 200 से अधिक ग्राम पंचायतों में भी कार्यक्रम आयोजित किये गये।
द्रौपदी मुर्मु ने 15 नवंबर, 2023 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर संसद भवन में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्री मीनाक्षी लेखी और कई सांसदों ने भी भगवान बिरसा को पुष्पांजलि अर्पित की। रंग-बिरंगे परिधान पहने जनजातीय नर्तकों ने जनजातीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए राष्ट्रपति का पारंपरिक स्वागत किया।
राष्ट्रपति ने ‘जनजातीय गौरव दिवस के अवसर’ पर रिकॉर्ड किए गए ऑडियो विजुअल संदेश के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं दीं, जिसे खूंटी में आयोजित भव्य कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी; केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा; झारखण्ड के राज्यपाल श्री. सी. पी. राधा कृष्णन; झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, के साथ ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और खूंटी के कई विधायकों ने भी शिरकत की। विभिन्न राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 100 से अधिक स्थानों पर राष्ट्रपति का संदेश प्रदर्शित किया गया।
खूंटी में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने पीएम जनमन (पीएम-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) की शुरुआत की और राज्य में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। पीएम ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस भव्य कार्यक्रम में खूंटी और पड़ोसी जिलों से लगभग 50,000 लोग शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने झारखंड के रांची में भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का दौरा करके दिन की शुरुआत की। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और अन्य 10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जिनकी प्रतिमाएं संग्रहालय में स्थापित की गई हैं। यह संग्रहालय पहले एक कारावास था जहां बिरसा मुंडा को कैद (काराकक्ष) किया गया था। प्रधानमंत्री ने संग्रहालय में काराकक्ष, चलचित्र कक्ष और संग्रहालय के अंदर बनी उलिहातू गांव की प्रतिकृति का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने इसके बाद झारखंड के उलिहातू गांव का दौरा किया, जो भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है और यह रांची से लगभग 60 किमी दूर है। उन्होंने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और भगवान बिरसा के वंशजों व बिरसायत समुदाय के सदस्यों, भगवान बिरसा के अनुयायियों के साथ परस्पर बातचीत की। मोदी उलिहातू गांव का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। अर्जुन मुंडा, हेमत सोरेन और सी.पी.राधा कृष्णन रांची संग्रहालय और उलिहातू की यात्रा के दौरान उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री जनमन (प्रधानमंत्री-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) का उद्देश्य 18 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले 75 कमजोर जनजातीय समुदायों का व्यापक विकास करना है, जो शैक्षिक, स्वास्थ्य और आजीविका के सामाजिक आर्थिक संकेतकों में लगातार पिछड़े हुए हैं और इसलिए उन्हें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) कहा जाता है। इन समुदायों की आबादी लगभग 28 लाख है और ये 200 जिलों में स्थित 800 से अधिक ब्लॉकों की लगभग 22000 बस्तियों में रह रहे हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष बाद भी केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न विकास योजनाएं दूरदराज के क्षेत्रों और कम आबादी वाले इन समुदायों के गांवों व बस्तियों की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरी करने में सक्षम नहीं रहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म पर पोर्टल भी लॉन्च किया, जिसका उपयोग पीएम-जनमन की प्रगति और परिणामों तक पहुंचने तथा निगरानी के लिए किया जाएगा।
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