जनजातीय समाज हिंदू नहीं’—उमंग सिंघार के बयान से मचा सियासी तूफ़ान, BJP का पलटवार

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 5 सितंबर: मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने छिंदवाड़ा में आयोजित जनजातीय समाज विकास परिषद की बैठक में बयान दिया कि “जनजातीय समाज हिंदू नहीं है।”

सिंघार ने कहा, “मैं गर्व से कहता हूँ कि हम जनजातीय हैं, हिंदू नहीं। शबरी, जिन्होंने भगवान राम को बेर खिलाए थे, वे भी जनजातीय समाज से थीं। हमें अपनी अलग पहचान पर गर्व करना चाहिए और सरकार कोई भी हो, जनजातीय समाज का मान-सम्मान बनाए रखना चाहिए।”

यह बयान सामने आते ही प्रदेश की राजनीति में भूकंप आ गया।

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिंदुत्व और हिंदुओं के खिलाफ काम करती रही है। सीएम ने कहा, “राहुल गांधी ने हिंदुत्व का मज़ाक बनाया और अब उमंग सिंघार कह रहे हैं कि आदिवासियों में हिंदुत्व नहीं है। शर्मनाक है। जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।”

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी सिंघार को घेरते हुए कहा, “जनजातीय समाज के गले में क्रॉस लटकाने और सोनिया गांधी को खुश करने के लिए उमंग जी पाप मत करो। आदिवासी समाज हमारी आत्मा है, यह सभ्यता का ध्वजवाहक है। देश का आदिवासी समाज हिंदुस्तान की रीढ़ है।”

धर्मांतरण का मुद्दा भी उठा

सिंघार के बयान के बाद बीजेपी ने धर्मांतरण का मुद्दा भी उठाया। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से ईसाई मिशनरी ताकतों को बढ़ावा मिलता है, जो जनजातीय क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन करा रही हैं।

पिछले कुछ सालों में दमोह, छतरपुर और गुना जिलों से कई धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं। दमोह के सूरजपुरा गाँव में दर्जनों परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था। छतरपुर के भारतीपुरा गाँव में भी भील समाज के 8 परिवारों को पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया। वहीं, गुना जिले में दो ईसाई दंपति लोगों को प्रार्थना सभाओं के जरिए धर्म बदलने के लिए प्रेरित करते पकड़े गए थे।

राजनीतिक मायने

विश्लेषकों का मानना है कि उमंग सिंघार का यह बयान कांग्रेस को आदिवासी वोट बैंक में मजबूत करने की कोशिश हो सकती है। मध्य प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं और चुनावों में इन सीटों की भूमिका अहम होती है।

हालांकि, बीजेपी का मानना है कि यह कांग्रेस की “हिंदू विरोधी राजनीति” का एक और उदाहरण है। पार्टी को उम्मीद है कि ऐसे बयानों से कांग्रेस को नुकसान और बीजेपी को फायदा मिलेगा।

उमंग सिंघार का “जनजातीय समाज हिंदू नहीं” वाला बयान मध्य प्रदेश की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। कांग्रेस इसे जनजातीय पहचान की लड़ाई बता रही है, जबकि बीजेपी इसे हिंदुत्व पर हमला करार दे रही है। धर्मांतरण और जनजातीय अस्मिता के बीच यह विवाद आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

 

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