तिरंगा मात्र एक झंडा नहीं, हर भारतीय की पहचान और मान- सम्मान, हमारी शान- ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया

सिंधिया ग्वालियर में हर घर तिरंगा अभियान में हुए शामिल, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस चित्र प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

समग्र समाचार सेवा
मध्य प्रदेश, 15 अगस्त। केंद्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा है कि तिरंगा मात्र एक झंडा नहीं बल्कि हर भारतीय की पहचान और मान- सम्मान है, हमारी शान है । हमारा तिरंगा हमारी महान विभूतियों के तप और त्याग का प्रमाण है। श्री सिंधिया आज ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई की छत्री परिसर में हर घर तिरंगा और अमृत महोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया ।श्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान से तिरंगे के साथ हमारा सम्बन्ध सिर्फ औपचारिक नहीं रह गया है बल्कि तिरंगे का हर घर-घर के साथ ही, हर भारतवासी के दिल-दिल में बसने का काम शुरू हो गया है.

रानी लक्ष्मीबाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने विश्व इतिहास में अपनी वीरता और शौर्यता की अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी किसी अन्य देश या माटी के प्रति आक्रामकता की दृष्टि से नहीं देखा. उन्होंने कहा कि भारतवासी होने के नाते हमें इस बात का गर्व है कि भारत की माटी में ऐसी ताकत है कि ये कभी किसी के आगे नहीं झुकी है और बाहरी आक्रमणकारियों को सदैव मुंह तोड़ जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी भारत भूमि पवित्र भूमि है. चाहे मुग़ल फ़ौज हो, पुर्तगाली हो या अंग्रेज़ फ़ौज हो, किसी भी आक्रमणकारी को इस भारत भूमि पर टिकने नहीं दिया गया.

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का उल्लेख करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि हमें विभाजन के इतिहास को जानना और समझना होगा. तभी हम वर्तमान का मार्ग तय कर सकेंगे और भविष्य की रणनीति भी बना सकेंगें. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभाजन के कारण करीब एक करोड़ लोग शरणार्थी बन गए और कुछ लोगों की संकीर्ण मानसिकता के कारण भारत जैसा विशाल देश दो टुकड़ों में बंट गया. विभाजन के कारण रिश्ते-नाते टूट और घर उजड़ गए। दंगे हुए, लोगों की जानें गई. किस-किस संकट से उन शरणार्थियों को गुजरना पड़ा हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि विभाजन के समय ग्वालियर में महाराजा जीवाजी राव सिंधिया ने शरणार्थियों की भरपूर सहायता की थी. उन्होंने कहा कि भारत सभी को अपनानेवाला देश है. हमारे ग्रंथों में है कि पूरा विश्व एक परिवार है. यही कारण है कि यूक्रेन संकट के दौरान पोलैंड, रूमानिया और अन्य देशों में रहनेवाले प्रवासी भारतीयों ने भारतीयों की खूब मदद की. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्वालियर के सांसद श्री विवेक शेजवलकर ने कहा कि आज़ादी हमें मुफ्त में नहीं मिली थी, विभाजन के कारण पीड़ादायक स्थिति भी बनी. उन्होंने भारत के इतिहास को सही ढंग से सहेजने पर जोर दिया.

शुरू में केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई समाधि परिसर में तिरंगा फहराया और वीरांगना को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होने विभाजन विभीषिका स्मृति चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और विभाजन की विभीषिका झेलनेवाले कुछ लोगों का सम्मान भी किया.

केंद्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ग्वालियर केंद्रीय जेल में आयोजित तिरंगा कार्यक्रम में भी शामिल हुए. यहाँ उन्होंने घर घर तिरंगा के तहत ध्वजारोहण किया। इसके बाद विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में लगाई गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया. सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर भी उनके साथ थे. उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और विभाजन की विभीषिका का सामना करके सन 1947 में ग्वालियर आए नागरिकों को शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर के रेलवे हॉकी स्टेडियम के नवनिर्मित निर्माण कार्य और एस्ट्रोटर्फ का शुभारंभ भी किया.

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