तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से लिखित रूप में माफी मांगी, लोकसभा अध्यक्ष ने दी जानकारी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 दिसंबर।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपनी विवादित टिप्पणी के लिए लिखित रूप में माफी मांग ली है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर इस बात की जानकारी दी।
बनर्जी ने इससे पहले बुधवार को भी सदन में माफी मांगी थी। यह मामला तब सामने आया जब बुधवार को ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा के दौरान बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री पर एक विवादित टिप्पणी की, जिससे सत्ता पक्ष में आक्रोश फैल गया और सदन की कार्यवाही बाधित करनी पड़ी।
गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार की घटना पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सदन में जो कुछ हुआ, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था। किसी सदस्य को ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो महिलाओं या किसी भी व्यक्ति पर केंद्रित हो और सदन की गरिमा के अनुकूल न हो।”
लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को आग्रह किया कि वे अपने भाषणों में जाति, समाज, महिला या पुरुष पर व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचें। उन्होंने कहा कि सदन में सहमति और असहमति हो सकती है, लेकिन ऐसी टिप्पणियां नहीं होनी चाहिए जो संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाएं।
उन्होंने बताया कि कल्याण बनर्जी ने लिखित में माफी मांग ली है और यह माफी सदन के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दिखाती है।
बुधवार को लोकसभा में ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल की सरकार को मदद नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच बहस छिड़ गई।
इसी बीच, बनर्जी ने सिंधिया के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी की, जिसे लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही दो बार बाधित हुई और अंततः तीसरी बार कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
हालांकि, बनर्जी ने सदन में और लिखित रूप से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने माफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ निजी हमले और महिलाओं पर की गई टिप्पणी अस्वीकार्य हैं। सिंधिया ने जोर देकर कहा कि ऐसे बयान न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े करते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे किसी भी चर्चा के दौरान मर्यादा और शिष्टाचार बनाए रखें।
यह घटना संसद में भाषण की मर्यादा और गरिमा को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डालती है। विपक्षी और सत्तापक्ष के बीच विचारों का मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन व्यक्तिगत हमलों और असंवेदनशील टिप्पणियों से बचना अनिवार्य है। कल्याण बनर्जी द्वारा माफी मांगने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि संसद में चर्चा का माहौल फिर से सकारात्मक और रचनात्मक होगा।
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