त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे से भारत ने खोला नया द्वार, पीएम मोदी को मिला देश का सर्वोच्च सम्मान

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्रिनिदाद और टोबैगो दौरा दोनों देशों के रिश्तों में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ। यह यात्रा 26 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी और इसका महत्व उस ऐतिहासिक साल से जुड़ा है, जब 1845 में पहले भारतीय प्रवासी वहां पहुंचे थे। इस अवसर पर दोनों देशों ने रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के संकल्प को दोहराया।

पीएम मोदी को मिला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान
त्रिनिदाद और टोबैगो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया। यह देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेतृत्व और भारत-त्रिनिदाद संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए दिया गया।

स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल साझेदारी पर सहमति
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और डिजिटल बदलाव जैसे मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए। भारत ने त्रिनिदाद को 2000 लैपटॉप देने और फार्माकोपिया के माध्यम से सस्ती दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का वादा किया। पीएम मोदी ने 800 लोगों के लिए कृत्रिम अंग शिविर और 20 हेमोडायलिसिस यूनिट देने की भी घोषणा की।

डिजिटल इंडिया की झलक कैरेबियाई द्वीप में
त्रिनिदाद और टोबैगो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अपनाने वाला पहला कैरेबियाई देश बन गया है। दोनों देशों ने डिजिटल गवर्नेंस, डिजीलॉकर, ई-साइन और जीईएम पोर्टल जैसे भारत स्टैक समाधानों पर साझेदारी बढ़ाने का निर्णय लिया।

खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक खेती पर फोकस
पीएम मोदी ने 10 लाख डॉलर की एग्रो मशीनरी त्रिनिदाद को भेंट की, ताकि खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण को मजबूत किया जा सके। इसके साथ ही भारत प्राकृतिक खेती, समुद्री शैवाल आधारित उर्वरक और बाजरा उत्पादन में सहयोग देगा।

संस्कृति और खेल में भी सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो के पंडितों को भारत में प्रशिक्षण देने और गीता महोत्सव में भागीदारी का न्यौता दिया। दोनों देशों के बीच खेल सहयोग बढ़ाने के लिए एमओयू साइन हुआ, जिसमें महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भारत में प्रशिक्षण देने की योजना भी शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र में एक-दूसरे को समर्थन का आश्वासन
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे को त्रिनिदाद और टोबैगो ने समर्थन दिया। वहीं भारत ने भी त्रिनिदाद के 2027-28 के लिए अस्थायी सीट के लिए समर्थन की पुष्टि की।

 

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