ट्रंप या कमला हैरिस, किसकी जीत भारत के लिए होगी फायदेमंद? जानिए क्या कहते हैं भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति

अमेरिका से कुमार राकेश
वाशिंगटन डी.सी. 6 नवंबर| अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं, खासकर भारत की। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है, और भारतीय समुदाय इस बात पर मंथन कर रहा है कि किसकी जीत भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है। भारतीय-अमेरिकी उद्योगपतियों का मानना है कि इन दोनों उम्मीदवारों की नीतियां भारत के साथ संबंधों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि भारतीय अमेरिकी उद्योगपति क्या सोचते हैं और कौन-सी नीतियां भारत के लिए लाभकारी हो सकती हैं।

डोनाल्ड ट्रंप: “अमेरिका फर्स्ट” नीति और भारत के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध

रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान “अमेरिका फर्स्ट” नीति को बढ़ावा दिया, जिसके चलते अमेरिका ने अपने व्यापारिक हितों को प्राथमिकता दी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत के साथ संबंध मजबूत हुए। ट्रंप ने भारत के साथ रक्षा, व्यापार, और तकनीकी क्षेत्रों में कई समझौते किए, जिससे दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आई।

भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति मानते हैं कि ट्रंप की वापसी से भारत-अमेरिका व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिल सकती है। उनके कार्यकाल में अमेरिकी टेक कंपनियों ने भारत में बड़ा निवेश किया, जिससे भारतीय आईटी सेक्टर को भी फायदा हुआ। उद्योगपतियों का कहना है कि ट्रंप की ओर से चीन पर लगाई गई सख्ती भी भारत के पक्ष में रही, क्योंकि इससे अमेरिकी कंपनियों ने भारत को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा।

कमला हैरिस: भारतीय मूल की नेता और प्रवासी समुदाय का हित

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस का भारतीय मूल का होना भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व की बात है। कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति पद की दावेदारी में होना भारतीय समुदाय के लिए उत्साह का विषय है, क्योंकि उनकी जीत से अमेरिका में भारतीय समुदाय की राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है।

हैरिस का फोकस सामाजिक और पर्यावरणीय नीतियों पर अधिक है, जिससे भारत को वैश्विक पर्यावरण और स्वास्थ्य सहयोग में नई संभावनाएं मिल सकती हैं। हैरिस का ध्यान एच-1बी वीजा कार्यक्रम के विस्तार पर भी है, जिससे भारतीय पेशेवरों और टेक्नोलॉजी कंपनियों को अमेरिका में और अधिक अवसर मिल सकते हैं। भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति मानते हैं कि हैरिस की जीत से भारतीय प्रवासी समुदाय के हितों का अधिक ध्यान रखा जाएगा और सामाजिक न्याय से जुड़े कई मुद्दों पर अमेरिका-भारत सहयोग बढ़ सकता है।

भारतीय अमेरिकी उद्योगपतियों की राय

भारतीय-अमेरिकी उद्योगपतियों की राय इस मुद्दे पर विभाजित है। कुछ उद्योगपतियों का मानना है कि ट्रंप की जीत भारत के आर्थिक और रक्षा संबंधों के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि उनकी नीतियां चीन के मुकाबले भारत को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में प्राथमिकता देती हैं। दूसरी ओर, कई उद्योगपति मानते हैं कि कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति बनना भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए एक बड़ी जीत होगी, और वे अमेरिकी सरकार में भारतीय समुदाय की स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।

भारत के लिए नीतिगत फायदे और संभावनाएं

  • रक्षा और सुरक्षा: ट्रंप की जीत से भारत और अमेरिका के रक्षा और सुरक्षा संबंध और मजबूत हो सकते हैं। कमला हैरिस भी इस क्षेत्र में भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की पक्षधर हैं, लेकिन उनके मुख्य फोकस सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर हैं।
  • प्रवासी भारतीय और वीजा: कमला हैरिस का जीतना भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए अधिक हितकारी माना जा रहा है, क्योंकि वे एच-1बी वीजा जैसे मुद्दों पर सहानुभूति रखती हैं। इससे भारतीय पेशेवरों को अमेरिका में काम करने के अधिक अवसर मिल सकते हैं।
  • टेक और व्यापारिक निवेश: ट्रंप की आर्थिक नीतियों के कारण अमेरिका में भारतीय कंपनियों का निवेश बढ़ा है, और ट्रंप का फिर से राष्ट्रपति बनना इस क्षेत्र में भारतीय टेक और स्टार्टअप कंपनियों के लिए अधिक लाभकारी हो सकता है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों की जीत के संभावित फायदे और चुनौतियां अलग-अलग हैं। ट्रंप का फिर से राष्ट्रपति बनना भारत के साथ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूती दे सकता है, जबकि कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति बनना भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए गौरव और हितकारी साबित हो सकता है। भारतीय-अमेरिकी उद्योगपतियों की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई है, लेकिन दोनों ही उम्मीदवारों की जीत से भारत को किसी न किसी रूप में लाभ होने की संभावना है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.